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बुंदेलखंड में बनीं “मास्साब” ने कॉस्मिक फिल्म फेस्टिवल ऑर्लैंडो फ्लोरिडा में बेस्ट फिल्म अवार्ड जीता  

फिल्म फेस्टिवल समारोह, फ्लोरिडा (अमरिका)  में फिल्म मास्साब को रिप्रीजेंट करते आलोक शर्मा।

समरनीति न्यूज, बांदाः बुंदेलखंड के कलाकार और उनकी प्रेरणा से सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पर बनकर तैयार हुई फिल्म “मास्साब” ने अमरिका में अवार्ड जीता है। इस फिल्म को अमरिका में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह कॉस्मिक फिल्म फेस्टिवल ऑर्लैंडो (फ्लोरिडा) के लिए चुना गया था। वहां इस फिल्म का प्रर्दशन 17 जून को हुआ। हांलाकि फिल्म को इस फिल्म फेस्टिवल में दो अवार्ड्स के लिए चुना गया। पहला फाइनलिस्ट बेस्ट एक्टर(शिवा सूर्यवंशी) और दूसरा फाइनलिस्ट बेस्ट फिल्म। 17 जून की रात आयोजित अवार्ड समारोह में यह फिल्म बेस्ट फिल्म (ड्रामा) का अवार्ड जीतने में कामयाब रही। यह इस फिल्म का भारत से बाहर पहला अवार्ड है। फिल्म को फ्लोरिडा में आयोजित फेस्टिवल में आलोक शर्मा ने रिप्रीजेंट किया। यह जानकारी फिल्म के हीरो शिवा सूर्यवंशी से बातचीत में निकलकर सामने आई।

अवार्ड।

फिल्म ने कॉस्मिक फिल्म फेस्टिवल ऑर्लैंडो (फ्लोरिडा) में बेस्ट फिल्म (ड्रामा) अवार्ड जीता  

इससे पहले मास्साब को जयपुर में आयोजित होने वाले राजस्थान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में तीन अवार्ड मिले चुके हैं। पहला बेस्ट एक्टर(डेब्यू) शिवा सूर्यवंशी को और दूसरा बेस्ट फिल्म(क्रिटिक) और तीसरा स्पेशल मेंशन निर्देशक आदित्य ओम को। इतना ही नहीं मई माह में रांची में आयोजित झारखण्ड अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में बेस्ट फिल्म (इन्स्पिरेशनल) का अवार्ड भी फिल्म को मिल चुका है। नासिक में आयोजित दादा साहेब फाल्के नासिक, अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में बेस्ट इंडियन फिल्म के लिए चुना गया है जो जुलाई के महीने में दिया जायेगा।

बुंदेली हकीकत के नजदीक नजर आती है गांवों के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पर बनी फिल्म  

फिल्म के हीरो शिवा सूर्यवंशी बाँदा जिले के खुरहण्ड गाँव से हैं और इनकी कहानी पर ही यह फिल्म बनी है। फिल्म की कहानी बुंदेलखंड की हकीकत से काफी मेल खाती है। यहां कैसा रहन-सहन है, स्कूलों की क्या दशा है। बच्चे किस तरह के माहौल में पल-बढ़कर बड़े हो रहे हैं।

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यही सब फिल्म में दिखाया गया है। फिल्म का हीरो सामाजिक बुराइयों से लड़ता हुआ अपने काम से कैसे सामंजस्य बैठाता है। इसका बड़े करीने से फिल्मांकन किया गया है। फिल्म का निर्देशन आदित्य ओम ने किया है। फिल्म के डायलाग भी स्क्रीन प्ले भी  शिवा और आदित्य ने लिखे हैं जबकि फिल्म को पुरुषोत्तम स्टूडियोज ने शूट किया है।