Friday, April 26सही समय पर सच्ची खबर...

सीतापुर में दरोगा ने वायरल किया सीओ का आडियो, महकमे की पिट रही भद्द

सीतापुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय। (प्रतीकात्मक फोटो)

एक महिला के अपने ही पति पर अप्राकृतिक दुष्कर्म के कथित आरोप से जुड़ा मामला

समरनीति न्यूज, सीतापुरः शहर कोतवाली इलाके में तीन दिन पूर्व अपने ही पति पर आप्रकृतिक दुष्कर्म करने व विरोध करने पर गला दबाकर हत्या करने की कोशिश का केस दर्ज कराने वाली महिला के मामले में कुछ अधिक ही दरियादली दिखाने और प्रभावित कार्रवाई करने वाले दरोगा पर आखिरकार कप्तान की गाज गिर गई। इस मामले में सब इंस्पेक्टर महेंद्र प्रताप सिंह की भूमिका संदिग्ध होने के बाद उसे मंगलवार को सस्पेंड कर दिया गया है।

खुद से निलंबन से बौखलाए दरोगा का कारनामा, सीओ से बातचीत व्हाट्सएप ग्रुपों में डाली     

सस्पेंड होने के कुछ ही देर बाद सोशल मीडिया (व्हाट्सएप) पर दरोगा ने सीओ सिटी से खुद की बातचीत का आॅडियो वायरल कर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया। आॅडियो के साथ एक पोस्ट भी डाली दी। इसमें दावा किया गया है कि अपहरण के आरोपी को बचाने के लिए सीओ दरोगा को धमका रहे हैं जबकि मामला कुछ और ही था। बताते हैं कि शहर कोतवाली इलाके की रहने वाली एक महिला ने कथित रूप से आरोप लगाया था कि पति सचिन यादव ने उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया। विरोध करने पर गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की।

उच्चाधिकारी भी मान रहे हैं कि दरोगा की भूमिका इस मामले में बेहद प्रभावित रही है। मामले में दरोगा की दरियादली को लेकर भी कई बातें चर्चा का विषय बनी हैं जिसकी अब जांच हो रही है। सूत्र बताते हैं कि काफी हद तक पहले ही आरोप सही पाए के कारण मंगलवार को कप्तान आनंद कुलकर्णी ने दरोगा महेन्द्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है। चर्चा है कि सस्पेंड होने के कुछ ही देर के बाद दरोगा ने सोशल मीडिया (व्हाट्सएप) पर सीओ सिटी से हुई उक्त मामले में बातचीत का आडियो वायरल कर दिया और यह दिखाने की कोशिश की गई कि सीओ आरोपी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

महिला का मुकदमा लिखने से लेकर आरोपी की गिरफ्तारी तक दरोगा ने दिखाई ज्यादा तेजी  

बताते हैं कि मामले की तहरीर जैसे ही पीड़ित महिला ने पुलिस को कुछ ही समय बाद उक्त दरोगा महेंद्र प्रताप ने मामले में तेजी दिखाते हुए उसके पति के खिलाफ मुकदमा लिख लिया। पुलिस मुकदमा लिखने में देरी की वजह से बदनाम होती है लेकिन इस मामले में दरोगा जी की तेजी उल्लेखनीय रही।

सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामले में आरोपी पति के खिलाफ हत्या के प्रयास और आप्रकृतिक दुष्कर्म की धाराओं में केस दर्जकर उसकी गिरफ्तारी के लिए पूरे परिवार को उठा लिया। रविवार को ही शहर कोतवाली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर बकायदा जिला अस्पताल में आरोपी का मेडिकल भी करा दिया। कानूनी कार्रवाई पूरी करने के बाद पुलिस उसे जेल भेजने की तैयारी कर रही थी कि इसी बीच मामले ने एक नया मोड़ ले लिया।

आरोपी के परिजनों को उठा लाया थाने, अपने अफसरों की भी नहीं रहा था सुन        

सोमवार को संगीन आरोप लगाने वाली पत्नी आरोपों से मुकर गई और एसपी के सामने पेश हो गई। इतना ही नहीं उक्त महिला ने पत्र देकर बताया कि उसने अपने पति पर जो आरोप लगाए थे वह पूरी तरह से निराधार हैं और किसी के बहकावे में आकर ऐसा आरोप लगा दिए थे। उसने पति को जेल न भेजने की गुहार भी एसपी से लगाई है। सूत्र बताते हैं कि पीड़िता के आरोपों से मुकरने के बाद पुलिस भी मामले में बैकफुट पर आ गई। कप्तान नेे आरोपों से इंकार करने के बाद उसी आधार पर कार्रवाई के आदेश कोतवाली पुलिस को दिए हैं।

अपहरण के एक दूसरे मामले का आरोपी था सचिन यादव, उठ रहे कई सवाल  

वायरल आॅडियो दो भागों में हैं जिसमें सीओ और दरोगा के बीच करीब 1 मिनट 49 सेकेंड तक बात हुई है। इसमें सीओ आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर दरोगा से नाराजगी जता रहे है। सीओ ने आडियों में दरोगा से उक्त मामले में आरोपी के रिश्तेदारों को छोड़ने को भी कहा है। दूसरा आडियों टेप आरोपी की गिरफ्तारी के बाद का है। फिलहाल आॅडियो वायरल होने के बाद महकमे में हड़कंप मचा है। वहीं सीतापुर पुलिस की भद्द पिट रही है क्योंकि पूरा मामला अपहरण के एक दूसरे मामले से जुड़ा हुआ है जिसमें सचिन यादव आरोपी बनाया गया था लेकिन जिस महिला के अपहरण का आरोप उसके उपर लगा था। उसने सचिन के पक्ष में बयान दिया। लोगों का कहना है कि पुलिस ने उक्त मामले में सचिन का कुछ बिगाड़ नहीं पाई तो नया मामला खड़ा कर दिया। जिसमें दरोगा जी मुख्य भूमिका में रहे।

एसपी ने कहा, दरोगा निलंबित, अनुशासनहीनता के मामले में करा रहे जांच  

उधर, मामले में सीतापुर के पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने बताया है कि मामले की जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि दरोगा ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए प्रभावी ढंग से काम किया। इतना ही नहीं दरोगा के द्वारा आडियों जारी करने की अनुशासनहीनता भी की गई है।

इस मामले की अलग से जांच कराई जा रही है। बताया कि उसको पहले ही सचिन यादव नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार करने और उसपर मुकदमा लिखने के मामले में प्रभावी कार्रवाई का दोषी पाया गया है। इसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया है।