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दुनिया में हावी बाल विवाह, हर 5 में 1 लड़के की 15 की उम्र में हो जाती है शादी, रिपोर्ट में..

प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्यूज, डेस्कः बाल विवाद भले ही पुराने समय की सामाजिक कुरीति कहा जाता हो, लेकिन आज भी दुनियाभर के कई देशों में यह सामाजित बुराई पूरी तरह से हावी है। जी हां, विकास के तमाम दावों के बीच बाल विवाह का सिलसिला बदस्तूर जारी है। इसका खुलासा यूनिसेफ की वैश्विक स्तर पर जारी बाल विवाह संबंधित एक रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट की माने तो पूरी दुनिया में हर 5 में 1 लड़के की 15 वर्ष की उम्र में शादी हो जाती है। रिपोर्ट के अनुसार इतनी कम उम्र में शादी वाले लड़कों की संख्या दुनिया में लगभग 2.3 करोड़ है। बताया जाता है कि इस रिपोर्ट को बनाने में दुनिया के 82 देशों से आंकड़ों का संग्रह किया गया। ये देश सहारा अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन, साउथ एशिया, ईस्ट एशिया और पेसिफिक क्षेत्र से हैं।

जिम्मेदारियों तले दब जाती है बच्चों की जिंदगी  

जिस उम्र में बच्चे कुछ बनने का सपना बुनते हैं, ठीक उसी उम्र में उनकी जिंदगी शादी के चलते उनकी जिंदगी जिम्मेदारियों तले दब जाती है। ऐसे में बच्चों के सपने तो मरते ही है साथ ही उनका बचपन भी एक तरह से छिन जाता है। यूनीसेफ के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का कहना है कि शादी से बचपना खत्म हो जाता है। बचपन की छोटी उम्र में जिम्मेदारियों के बोझ तले ऐसे बच्चे दब जाते हैं। इसके अलावा कम उम्र में शादी से लड़के जल्दी पिता बन जाते हैं और जिसके कारण परिवार की देखभाल ठीक ढंग से नहीं हो पाती है। ऐसे में पढ़ाई-लिखाई में बाधा पहुंचती है।

सबसे ज्यादा मामले सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में  

यूनीसेफ की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक बाल विवाह सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में होते हैं। वहां 28 फीसदी लड़कों की शादी 15 साल से कम उम्र में ही हो जाती है। इनमें गरीब परिवार शामिल हैं और ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से होते हैं, जहां शिक्षा का बेहद अभाव रहता है। बहरहाल यूनिसेफ की यह रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है, क्योंकि अबतक लोग यही समझते रहे हैं कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा दुनिया में खत्म होने की कगार पर है। यह रिपोर्ट बताती है कि ऐसा नहीं है।

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