समरनीति न्यूज, ब्यूरो : चित्रकूटधाम मंडल का बांदा जिला इस समय तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है। करोड़ों की सरकारी परियोजनाएं रफ्तार पकड़ चुकी हैं। सरकारी दफ्तरों में नई कार्य संस्कृति तैयार हो रही है। स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास जैसी बुनियादी जरूरतों पर कारगर ढंग से काम हो रहा है। यह संभव हो रहा है तीन-तीन मुख्य सचिवों के साथ काम कर चुके बेहद अनुभवी और काबिल शख्सियत वाले बांदा जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह की कर्मठता और परिपक्व कार्यशैली के चलते। हाल ही में जिलाधिकारी ने अपने पद पर रहते हुए 100 दिन पूरे किए हैं। उनके 100 दिन के कामकाज को लेकर ‘समरनीति न्यूज’ ने बांदा के लोगों के लिए एक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया। इसका मकसद है, लोगों को पता चले कि विकास के लिए सरकारी मशीनरी क्या कर रही है और उसका नेतृत्व करने वाले जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह की प्राथमिकता क्या हैं, वे इन्हें कैसे परवान चढ़ाएंगे। मनोज सिंह शुमाली की खास रिपोर्ट :
प्रदेश की प्रमुख योजनाओं के रणनीतिकार रहे हैं आनंद कुमार सिंह
2009 बैच के आईएएस अधिकारी आनंद कुमार सिंह प्रदेश के उन चुनिंदा अधिकारियों में एक हैं जिनके पास कई ऐसी महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं। यही उपलब्धियां उनको दूसरे अधिकारियों से अलग पंक्ति में खड़ा करती हैं। दरअसल, आईएएस आनंद कुमार सिंह को कर्मठ अधिकारी के रूप में जाना जाता है। जहां तक उनकी उपलब्धियों के बारे में बात करें तो सबकुछ लिखना संभव नहीं, लेकिन कुछ खास बाते हैं।
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लखनऊ विकास प्राधिकरण की 8 सफल आवासीय योजनाओं में कुर्सी रोड, गोमती नगर विस्तार और फैजाबाद रोड शामिल हैं। 2010-11 में राजधानी लखनऊ में मेट्रो ट्रेन की नींव रखवाने वाले मौजूदा बांदा जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह ही हैं। मैट्रो की DPR यानी Details project report के साथ-साथ कई खास कई अहम बिंदुओं पर स्टडी की गई। तब कहीं जाकर मैट्रो का खाका तैयार हो सका।
सबसे चर्चित काम राजधानी लखनऊ में एडीएम रहते हुए आनलाइन सार्टिफिकेट व्यवस्था लांच की। सरकार में प्रजेंटेशन करने वाले बांदा के मौजूदा ही थे। बाद में इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू किया गया। आज यह योजना शासन की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक है।
फोटोयुक्त मतदाता सूची व आनलाइन प्रमाणपत्र की व्यवस्था दी
इसी तरह फोटोयुक्त मतदाता सूची की पूरी रूपरेखा भी तैयार करने वाले, इसे लांच करने वाले भी मौजूदा बांदा डीएम ही हैं। दरअसल, इस पूरी रूपरेखा के लिए पहले मौजूदा बांदा डीएम आनंद कुमार सिंह द्वारा राजधानी के मलिहाबाद क्षेत्र के एक बूथ पर स्टडी करते हुए एक-एक वोटर की डिटेल भरी गई। पूरा खाका खींचा गया।
तब कहीं जाकर इसमें सफलता मिली थी। पूरी स्टडी करते हुए इसे मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास भेजा गया। वहां से भारत निर्वाचन आयोग के पास पहुंची। फिर पूरे उत्तर प्रदेश में फोटोयुक्त मतदाता सूची की व्यवस्था लागू की गई। गृह विभाग में रहते हुए यूपी-100 जो अब यूपी-112 के नाम से जानी जाती है, प्रोजेक्ट पर लगभग ढाई साल तक काम किया। राजधानी में पुलिस फार्च्यूनर बिल्डिंग के निर्माण में खास भूमिका रही।
LDA में रहते हुए कई महत्वपूर्ण कार्यों को बखूबी दिया अंजाम
इसी तरह लखनऊ में एलडीए में रहते हुए अमर शहीद के पास इंटीग्रेटेड टाउनशिप, एकसा स्टेडियम और शकुंतला मिश्रा देवी राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के लिए जमीन अरेंजमैंट का काम किया। एलडीए का नया 14 मंजिला आफिस के निर्माण में भी बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा स्मारकों में 6 हजार स्टाफ की तैनाती और प्रशिक्षण की जिम्मेदारी बखूबी जिम्मेदारी निभाई, जो खुद में एक बड़ा काम है।
बेसिक शिक्षा विभाग में रहते 69 हजार शिक्षकों की भर्ती सफलतापूर्वक पूरी कराई। हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक रणनीति तैयार की। पूरी लड़ाई इनके नेतृत्व में लड़ी गई, जिसको लेकर कुछ दिन पहले फैसला भी आ गया है। प्रदेश में डीजी-एसी का पद सृजित कराने वाले भी बांदा के मौजूदा डीएम ही हैं। उनकी कार्यशैली को देखते हुए शासन ने बांदा जैसे पिछड़े जिले के विकास का जिम्मा सौंपा। आज बांदा बदल रहा है तो इसका श्रेय भी जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह को ही जाता है।
डीएम के नेतृत्व वाले 100 दिन में विकास के ट्रैक पर सरपट दौड़ा बांदा
प्रशासनिक मशीनरी किस रफ्तार और कुशलता के साथ काम कर रही है, अक्सर इसकी जानकारी आम लोगों तक नहीं पहुंच पाती। फिर चाहे पावर स्ट्राइक के दौरान जिले की विद्युत व्यवस्था सुचारू रूप से चलते रहने की बात ही क्यों न हो। बांदा में बिजली सप्लाई चलती रही, जबकि आसपास के जिलों में डगमगा गई।
दरअसल, जिलाधिकारी ने पहले ही लाइमैन और एसएचओजी को लगाकर पैरलर सिस्टम खड़ा कर दिया था। यही वजह रही कि विद्युत आपूर्ति पर स्ट्राइक कोई असर नहीं पड़ा और लोगों को कोई दिक्कत नहीं हुई। जिलाधिकारी के निर्देशन में प्रशासन ने श्याम मोहन धुरिया पर गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए डेढ़ करोड़ की संपत्ति कुर्क करने के साथ 60 लोगों पर गुंडा एक्ट व जिला बदर की बड़ी कार्रवाई कर डाली।
सूझबूझ और रणनीति से कोरोना पर कसी लगाम, रिकवरी रेट 95.60%
जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह के नेतृत्व में कोरोना संकट काल में बांदा इस महामारी से लड़ने में कामयाब रहा। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि जिले में 3422 लोग कोरोना की चपेट में आए। इनमें 3,274 लोग स्वस्थ हुए। इसलिए रिकवरी रेट 95.60% रहा। वहीं पाजिटिव रेट 1.30 तथा सीएफआर (CFR) 1.14 रहा।
दरअसल, जिला प्रशासन ने इस तरह से योजना बनाई कि कोई भी पाजिटिव केस मिलने के बाद 25 लोगों की कांटेक्टिंग प्रोसेसिंग कराई गई। कुल 54,760 कांटेक्ट ट्रेसिंग हुई। इनमें से 1094 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। 1.99 प्रतिशत की सैंपलिंग हुई। यही वजह थी कि कोरोना से लड़ाई में जिला हारा नहीं।
सरकारी कार्यालयों में नई कार्य संस्कृति विकसित करने का प्रयास
जिलाधिकारी आनंद सिंह के निर्देशन में सरकारी कार्यालयों में नई कार्य संस्कृति को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है। कर्मचारियों व अधिकारियों को स्व अनुशासित करने की कोशिश रंग भी ला रही है। कार्यालयों में औचक निरीक्षण करके गैरहाजिर रहने वाले या समय से न पहुंचने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से जवाब-तलब किया जा रहा है। ऐसा होने पर धीरे-धीरे कर्मचारी समय के पाबंद होने की दिशा में बढ़ रहे हैं। एक काम का अच्छा माहौल तैयार हो रहा है।
बांदा के लिए आने वाले वक्त में मील का पत्थर होंगे ये विकास कार्य
बांदा के लिए सपना बने सेंट्रल स्कूल के लिए जमीन तलाशने के बाद जिलाधिकारी आनंद सिंह ने इस काम में तेजी के निर्देश दिए। यह जमीन कृषि विश्वविद्यालय के पास है और उसकी लेवलिंग भी हो चुकी है। यानी बिल्डिंग बनने का काम किसी भी वक्त शुरू हो सकता है।
इतना ही नहीं प्रशासन ने बिल्डिंग बनकर तैयार होने तक सेंट्रल स्कूल की क्लासें कृषि विश्वविद्यालय में ही संचालित होने की व्यवस्था भी करा दी है। यानी बोर्ड अपनी क्लास शुरू करने का फैसला ले सकता है। इसमें प्रशासनिक तौर पर कोई बाधा नहीं रह गई है।
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पैलानी क्षेत्र में 132/33 केबीए के पावर हाउस बनने का काम भी शुरू होने को है। इससे जसपुरा समेत आसपास के क्षेत्र के लोगों के सामने आने वाली लो-वोल्टेज समेत विभिन्न बिजली समस्याएं दूर होंगी। बांदा विकास प्राधिकरण का नया भवन भी बनने जा रहा है। बीडीए एक शापिंग कांप्लेक्स भी बनवाएगा।
डीएम खुद कर रहे हैं 50 लाख से ऊपर की परियोजनाओं की माॅनीटरिंग
डीएम आनंद कुमार सिंह 50 लाख से ऊपर वाली परियोजनाओं की खुद माॅनीटरिंग कर रहे हैं। कुल 14 विभागों की 58 महत्वपूर्ण परियोजनाएं तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं। इनमें से कई परियोजनाएं तो ऐसी हैं जो लोकार्पण के लिए तैयार हैं। 300 बेड का मंडलीय अस्पताल का भवन तैयार है। कलेक्ट्रेट भवन की अधूरी बिल्डिंग का काम पूरा कराने के लिए 194 लाख का बजट पास हो चुका है। जल्द काम शुरू होने वाला है।
इसी तरह 222 साइट पर ओवरहेड टैंक बनाने की तैयारी है। जल परियोजनाएं भी तेजी से पूरी हो रही हैं। किसानों की बात करें तो प्रशासन ने पराली जलाने के मामलों को रोकने में भी सफलता हासिल की है। अन्ना प्रथा, आर्गेनिक फार्मिंग की दिशा में शानदार ढंग से काम चल रहा है। सभी धान खरीद केंद्र भी बेहतर ढंग से चल रहे हैं। 69 पंचायत भवनों का काम चल रहा है। आने वाले कुछ दिनों में इन कार्यों का असर साफतौर पर दिखाई देने लगेगा।
अवैध खनन और ओवरलोडिंग पर दिया सख्त संदेश
बताते हैं कि कुल 401 वाहनों पर ओवरलोडिंग व अवैध परिवहन की कार्रवाई की गई। इस तरह से कुल 73 लाख रुपए की धनराशि वसूली गई। 400 के आसपास मामले दर्ज हुए। 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं। इतना ही नहीं पकड़ी गई बालू की 23 लाख 70 हजार में नीलामी भी कर दी गई। इससे सरकारी खजाने में राजस्व की बढ़ोत्तरी हुई है।
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