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आखिरी सांस तक स्वामी सानंद करते रहे पीएम मोदी का इंतजार..

स्वामी सानंद। (फाइल फोटो)

समरनीति न्यूज, देहरादूनः 111 दिनों तक अनशन पर रहे स्वामी सानंद की बीते गुरुवार ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में हार्टअटैक से मौत ने सभी को हिलाकर रख दिया। दरअसल, स्वामी सानंद लंबे समय से गंगा की अविरलता को लेकर अनशन पर थे। गंगा की स्वच्छता और निर्मलता लिए वे एक आवाज बन चुके थे। उन्होंने कई आंदोलनों का भी नेतृत्व किया।

अनशन शुरू करने पर लिखी थी प्रधानमंत्री मोदी को चिट्टी  

इस बार अनशन पर बैठते वक्त स्वामी सानंद प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी लेकिन न चिट्टी का जवाब आया और न कोई खबर। आखिरी सांस तक स्वामी सानंद पीएम के पत्र के जवाब का इंतजार करते रह गए।

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अनशन को शुरू करने से पहले पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखकर गंगा की दुर्दशा के बारे में अवगत कराया था। चिट्ठी में उन्होंने लिखा था कि उन्हें (स्वामी सानंद) उनसे (पीएम मोदी से) बहुत उम्मीदें थी लेकिन उम्मीदों पर कोई पहल नहीं हुई।  इसके चलते वह आमरण अनशन पर बैठे हैं।

गंगा की अविरलता को लेकर किए कई आंदोलन  

86 साल के बुजुर्ग स्वामी सानंद जीवन के आखिरी क्षण तक प्रधानमंत्री मोदी की राह देखते रहे। लेकिन न प्रधानमंत्री आए न उनका कोई प्रतिनिधि। नतीजा सानंद ने गंगा के लिए जल का त्याग भी कर दिया। अगले ही दिन उनके स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी थी।

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प्रशासन ने सानंद को अनशन स्थल से उठाकर ऋषिकेश के अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया। वहां हार्टअटैक से उनकी मृत्यु हो गई। उनके निधन से पूरे संत समाज के साथ ही अन्य वर्गों में भी शोक की लहर दौड़ गई। लोगों को उनके निधन से गहरा दुख पहुंचा है।