Monday, May 6सही समय पर सच्ची खबर...

एसपी व एसओ-चौकी इंचार्ज और चार सिपाहियों समेत आठ के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा

समरनीति न्यूज, लखनऊः  अमेठी में एसपी व एसओ-चौकी इंचार्ज और चार सिपाहियों समेत आठ लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा होगा। हाईकोर्ट के आदेश पर यह मामला दर्ज किया जा रहा है। इसमें एसपी कुंतल किशोर गहलौत समेत 8 पुलिस कर्मी आरोपी हैं। मामला उस वक्त का बताया का है जब एसपी कुंतल किशोर अमेठी के कप्तान थे। एसपी के अलावा थानाध्यक्ष मुसाफिरखाना पारसनाथ सिंह तथा चौकी इंचार्ज व चार सिपाही भी आरोपी हैं।

पुराने मामले में कोर्ट का आदेश  

एसपी समेत पुलिस टीम पर पशु तस्करी और अवैध खनन में आड़े आ रहे प्रधान पति को फर्जी मामले में फंसाने का आरोप है। साथ ही आरोप है कि पीड़ित को हत्या के प्रयास के तहत पीटा गया। इतना ही नहीं आरोप है कि पुलिस अधिकारी और टीम ने अधिवक्ता से थाने में मारपीट भी की थी।

आरोप है कि एसपी कुंतल की शह पर थानेदार और पुलिसकर्मियों ने प्रधान पति को रातभर बुरी तरह से पीटा था। इसके बाद अधिवक्ता को पुलिस ने घायल हालत में अदालत में पेश किया था। बताया जाता है कि पिटाई से पीड़ित की हालत बेहद खराब थी।

ये भी पढ़ेंः कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी के खिलाफ गैरजमानती वारंट  

इस दौरान पुलिस ने हिरासत से अधिवक्ता के भागने और इस दौरान उसे चोट लगने की बात कही थी। मामले की मानवाधिकारआयोग से शिकायत हुई थी। आयोग की जांच में पुलिस की बात पूरी तरह से झूठी निकली है।

लखनऊ मुख्यालय में तैनात हैं एसपी गहलौत 

अदालत के आदेश पर एसपी व पुलिस टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही है। एसपी कुंतल किशोर अब डीजीपी मुख्यालय में कानून व्यवस्था संभाल देख रहे हैं। एसपी और कोतवाल समेत अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की खबर से महकमे में हड़कंप मच गया है।

ये है पूरा मामला 

अधिवक्ता राघवेंद्र प्रताप द्विवेदी मुसाफिरखाना कोतवाली क्षेत्र के ग्राम अजियाउर देई के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि एक मामले में पुलिस उनसे खुन्नस खाए हुए थी। 26 फरवरी 2018 को जब वह घर वापस लौट रहे थे। इसी दौरान कुड़वार नाका पर बोलेरो में सिपाहियों के साथ मौजूद अलीगंज चौकी के तत्कालीन इंचार्ज दिनेश सिंह ने उन्हें रोक लिया था।

ये भी पढ़ेंः डीजीपी मुख्यालय में फर्जीबाड़ा, फर्जी हस्ताक्षर पर दो दरोगाओं का तबादला

आरोप है कि पुलिस अधिवक्ता को जबरदस्ती बुलेरो में बैठाकर ले गई। पीड़ित का कहना है कि एसआई मोबाइल पर तत्कालीन एसपी केके गहलोत और तत्कालीन थानाध्यक्ष मुसाफिरखाना से बात कर रहे थे। इससे उन्हें पता चला था कि पुलिस उन्हें जान से मारने की कोशिश में थी।

पीड़ित का कहना है कि जब उनकी आंखों से पट्टी खोली गई तो वो बाजारशुकुल थाने में थे। वहां एसओ सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने उनको बुरी तरह से पीटा। उनको इतनी चोटें आईं कि 15 दिन तक उनका ट्रामा सेंटर में इलाज चला था। इसी मामले में मौजूदा पुलिस अधीक्षक ने मुकदमा दर्ज करके जांच के आदेश दिए हैं।

इन पुलिस वालों के खिलाफ आरोप   

  1. तत्कालीन एसपी (अमेठी) कुंतल किशोर गहलौत।
  2. मुसाफिरखाना थानाध्यक्ष पारसनाथ सिंह।
  3. तत्कालीन अलीगंज चौकी प्रभारी दिनेश सिंह।
  4. सिपाही सूर्यप्रकाश।
  5. सिपाही पुष्पराज।
  6. सिपाही देवेश कुमार।
  7. सिपाही ऋषिराज।
  8. बुलेरो का ड्राइवर।