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जब सुप्रीमकोर्ट ने कहा, राज्यपाल रामनाईक के फैसले ने हिला दी कोर्ट की चेतना, हत्याओं के दोषी को माफी नहीं

समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः देश की सर्वोच्च अदालत ने यूपी में चार सियासी हत्याओं के दोषी की सजा को माफ करने वाले राज्यपाल रामनाईक के फैसले को पलट दिया। इस मामले में सुप्रीमकोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल के इस फैसले ने अदालत की चेतना को हिलाकर रखा दिया है। कहा कि यही वजह है कि अदालत को मजबूरन इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है।

पूर्वांचल में 4 सियासी हत्याओं के दोषी मार्कंडेय शाही को माफी का मामला 

दरअसल, मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एनवी रमन और जस्टिस एमएम शांतनागोडर की पीठ ने कहा है कि चार सियासी हत्याओं के दोषी मार्कंडेय शाही को उम्रकैद की सज़ा हुई थी। ऐसे में क्या कारण है कि सिर्फ 7 साल की सज़ा काटने के बाद ही राज्यपाल ने उसे छोड़ने का फैसला ले लिया।

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सर्वोच्च अदालत ने दोषी मार्कंडेय शाही की याचिका को खारिज करते हुए हैरानी जताई है। कहा है कि राज्यपाल ने कैसे अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग चार हत्याओं का दोषी को रिहा करने के लिए कर डाला। अदालत ने कहा, ‘सिर्फ यही नहीं फैसला राज्यपाल द्वारा तब लिया गया है जब दोषी की सज़ा के खिलाफ मामला हाईकोर्ट में है।

1987 में हुई थीं चार हत्याएं  

बताते चलें कि मार्कंडेय शाही नाम के इस व्यक्ति ने 1987 चार हत्याएं की थीं। बताते हैं कि उस वक्त पूरा पूर्वांचल हरिशंकर तिवारी और वीरेंद्र प्रताप शाही के नियंत्रण में हुआ करता था और दोनों के बीच जबरदस्त राजनीतिक विरोध था। बताते हैं कि जहां यह अपराध हुआ था वह जगह इस वक्त महाराजगंज ज़िले में पड़ती है।