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सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की छुट्टी, प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति ने हटाया

फाइल फोटो।

समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहाल हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति द्वारा हटा दिया गया। बताया जा रहा है कि इस समिति में लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के प्रतिनिधि के रूप में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी शामिल थे।

दो दिन पहले सुप्रीमकोर्ट ने किया था बहाल  

बताते हैं कि आलोक वर्मा को पद से हटाने का फैसला बहुमत से हुआ है। हांलाकि कांग्रेस नेता खड़गे ने इसका विरोध किया है। अतिरिक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव को नए निदेशक की नियुक्ति होने तक  सीबीआई प्रमुख का पद सौंपा गया है। वहीं दूसरी ओर समिति ने आलोक वर्मा को फायर सर्विसेज एंड होमगार्ड, सिविल डिफेंस का डायरेक्टर जनरल बनाया है।

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बताया जा रहा है कि सीवीसी की रिपोर्ट में आलोक वर्मा के खिलाफ 8 आरोप लगे थे। फिर यही रिपोर्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति के समक्ष रखी गई। आज जैसे ही आलोक वर्मा ने अपना पद संभाला कई तबादले कर डाले। साथ ही उन सारे अधिकारियों के तबादले निरस्त कर दिए जो पूर्व कार्यकारी सीबीआई प्रमुख ने किए थे। 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक वर्मा सीबीआई के इतिहास में ऐसे पहले अधिकारी बन गए हैं जिनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की गई है।

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उधर, राहुल गांधी ने फिर इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला है। राहुल ने कहा है कि प्रधानमंत्री सीबीआई प्रमुख को हटाने की आखिर इतनी जल्दबाजी में क्यों हैं। कहा कि सीबीआई प्रमुख को चयन समिति के सामने अपना पक्ष रखने की अनुमति क्यों नहीं गई। सवालिया लहजे में बात कर रहे राहुल ने जहा कि इसका जवाब राफेल है। उधर, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस कार्रवाई का विरोध किया है।