समरनीति न्यूज, बांदाः जिले से एक बड़ी खबर आ रही है। शहर से सटे देहात कोतवाली क्षेत्र के लामा गांव में बीती रात एक 17 साल की लड़की की संदिग्ध हालात में घर के पास तालाब के किनारे जलकर मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि लड़की ने मरने से पहले गांव के दो युवकों द्वारा उसे जिंदा जलाने की बात कही है। परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे लेकिन वहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। उधर, पुलिस का कहना है कि उसे लिखित या मौखिक रूप से ऐसी कोई सूचना मृतका के परिजनों द्वारा नहीं दी गई है। पुलिस ने यह भी कहा कि जानकारी मिलते ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। हांलिक, वारदात को लगभग 24 होने को हैं और अगर पुलिस को घटना की जानकारी तक नहीं है तो यह अपने आप में बड़ी बात है।
देहात कोतवाली क्षेत्र के लामा गांव में हुई वारदात
बताया जाता है कि देहात कोतवाली के लामा गांव के रहने वाले मदन गोपाल वर्मा के परिवार में तीन बेटियां और तीन बेटे हैं। बीती रात लगभग 8 बजे उनकी मझली बेटी आराधना (17) घर के पास तालाब पर लघुशंका को गई थी। कुछ देर बाद उसके चीखने की आवाज सुनकर घर के दरवाजे पर बैठी उसकी ललिता और गांव के बाकी लोग दौड़कर वहां पहुंचे। वहां के हालात देखकर सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई। आराधना आग की लपटों में धू-धूकर जल रही थी। परिवार के लोगों ने ग्रामीणों की मदद से किसी तरह आग बुझाई।
परिजन बोले, मरने से पहले बेटी ने बताई आपबीती
परिजनों का कहना है कि लड़की ने परिजनों को बताया कि गांव के ही दो युवकों ने उसको जलाया है। इसके बाद परिजन बेटी को लेकर जिला अस्पताल भागे। वहां इलाज के दौरान उसकी हालत लगातार गंभीर बनी रही। वहां कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया। परिजनों ने कहा है कि मरने से पहले उनकी बेटी ने आरोपियों का नाम उनको बताया है और पोस्टमार्टम के बाद पुलिस को तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाएंगे। परिजनों ने कहा कि दोनों आरोपी उनकी बेटी के साथ पहले से ही छेड़छाड़ करते रहे हैं।
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उधर, चौंकाने वाली बात यह है कि देहात कोतवाली को अबतक घटना के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। कोतवाली प्रभारी का प्रभार देख रहे इंस्पेक्टर विनोद शुक्ला ने फोन पर बताया कि लड़की के परिजनों ने लिखित या मौखिक रूप से कोई जानकारी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि तहरीर मिलते ही मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। सवाल इस बात का है कि अगर परिजन जानकारी नहीं दे सके हैं तो क्या पुलिस को स्वतः संज्ञान लेते हुए अबतक जानकारी नहीं जुटानी चाहिए.?
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