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बांदा के महोखर में डेढ़ सौ साल पुराने कुएं की खुदाई में मिलीं पुरानी बंदूकें-तलवारें, ग्रामीणों को खजाने की उम्मीद

खुदाई में मिली बंदूकें-तलवारे दिखाते ग्रामीण व मौजूद पुलिस।

समरनीति न्यूज, बांदाः जिलाधिकारी के कुआं तालाब जियाओ अभियान के तहत कुओं की खुदाई कराई जा रही है। देहात कोतवाली क्षेत्र के महोखर गांव में प्राचीन कुआं खुदाई के दौरान आधा दर्जन पुरानी बंदूकों के टुकड़े (नालें) बरामद हुई हैं। गांव के युवा भाजपा नेता धीरेंद्र सिंह ने बताया कि खुदाई के दौरान बंदूकें और तलवारें काफी पुरानी हैं और यह कुआ लगभग डेढ़ सौ साल पुराना है। उन्होंने कहा कि सभी को उम्मीद है कि अगर कुए और अधिक ढंग से खुदाई कराई जाए तो निश्चित रूप से यहां कीमती चीजें मिल सकती हैं।

खुदाई में मिली बंदूके व तलवारे।

ग्रामीणों को सोना-चांदी मिलने की उम्मीद 

कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है कि कुएं से सोने-चांदी के जेवरात भी मिल जाएं। बाकी ग्रामीणों ने भी यही बातें कहीं। उधर, जैसे-जैसे लोगों को इसकी जानकारी हुई इनको देखने के लिए ग्रामीणों का हुजूम मौके पर पहुंच गया। खबर पाकर देहात कोतवाली प्रभारी रामाश्रय यादव मौके पर पहुंचे और कुएं से निकली सभी बंदूकों (नाल) को कब्जे में लेकर सील कर दिया। एसओ का कहना है कि पुराने जमाने की इन बंदूकों में बारूद भरकर छुड़ाई जाती थी। एसओ का कहना है कि इन बंदूकों को मदर लोडिंग बंदूक कहा जाता था।

खुदाई में मिली बंदूकें और तलवारे दिखाते ग्रामीण।

छानबीन में जुटी पुलिस, मौके पर भीड़ 

देहात कोतवाली के एसओ श्री यादव का कहना है कि तकरीबन 50 वर्ष पूर्व की बात करें तो इन बंदूकों का इस्तेमाल होता था। उन्होंने बताया कि इनकी नाल में बारूद भरकर फायर किया जाता था। इसकी मार भी बहुत सटीक होती थी। उन्होंने कहा कि जहां तक उन्हें जानकारी है, इन बंदूकों का लाइसेंस भी हुआ करता था लेकिन अब इनके लाइसेंस नहीं बनते हैं। न ही बारूद ही आसानी के साथ उपलब्ध होती है। माना जा रहा है कि बंदूके बेकार होने पर ग्रामीणों ने इनको कुएं में फेंक दिया होगा। अब दोबारा खुदाई पर इन बंदूकों की नाल व अन्य टुकड़े मिल रहे हैं।

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