समरनीति न्यूज, लखीमपुरः बुंदेलखंड में सूखे से किसानों की बर्बादी की दास्तान किसी से छिपी नहीं है। किसान हर साल मेहनत करता है और अपनी सबकुछ दांव पर लगा देता है। इस उम्मीद में कि एक दिन उसकी लहलहाती फसल उसकी गरीबी, तंगहाली और लाचारी को दूर करेगी। लेकिन सूखा जैसी प्राकृतिक आपदा उसकी उम्मीदों को तार-तार कर देती हैं। बीते कई सालों से किसान इसी सबमें फंसकर रह गया है।
सरकार के सिंचाई मंत्री का कहना है कि अब ऐसा नहीं होगा। अगर बारिश ने साथ नहीं दिया तो योगी सरकार सूखे बुंदेलखंड में कृतिम वर्षा कराएगी। इसके लिए सरकार तैयारियां करने में जुटी है। मुख्यमंत्री योगी किसानों की समस्या् को लेकर गंभीर हैं और लगातार किसानों की दिक्कतों को दूर करने के निर्देश भी दे रहे हैं। इसी क्रम में कृतिम वर्षा को लेकर सरकार कदम उठा सकती है। इस बात की जानकारी देते हुए सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया है कि पहले चीन से यह तकनीक लेने को बात की गई। लेकिन चीन ने इससे इंकार कर दिया। अब आईआईटी के इंजीनयरों ने खुद इस तकनीक को बनाया है और डिजाइन कर लिया है। इसमें करीब 5.5 करोड़ का खर्च आ सकता है और लगभग 10 किमी की दूरी में जोरदार बारिश कराई जाएगी। यह बारिश किसानों को बड़े पैमाने पर राहत दे सकती है।
उधर, बुंदेलखंड के प्रगतिशील किसान प्रेम सिंह का इस बारे में कहना है कि यह पूरी तरह से अव्यवहारिक कदम होगा। क्योंकि बुंदेलखंड की भौगोलिक स्थिति इस तरह है कि 10 किमी दायरे में मात्र पांच गांव आएंगे। उसमें भी कितने खेत होंगे यह देखना होगा। उन्होंने कहा कि अगर कृतिम वर्षा में आने वाले 5.5 करोड़ का बजट किसानों को देकर बाग लगवा दिए जाएं तो बुंदेलखंड आने वाले वर्षों में स्वतः वर्षा के उपाय तैयार कर लेगा। किसानों की आय बढ़ेगी, राष्ट्रीय आय भी बढ़ेगी। किसान प्रेम सिंह ने कृतिम वर्षा से ज्यादा कारगर तालाबों की खुदाई को ज्यादा कारगर बताया। कृतिम वर्षा के निर्णय को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि इससे सिर्फ अधिकारियों का भला होगा।