
समरनीति न्यूज, लखनऊः माफिया डान मुन्ना बजरंगी के शव का पोस्टमार्टम होने पर चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। एक तो यह कि मुन्ना बजरंगी को कुल 13 गोलियां मारी गईं। इनमें से 3 गोली उसके सिर में मारी गईं। जबकि चार गोलियां सीने में उतार दी गईं। मुन्ना बजरंगी के शरीर में गोली लगने के कुल 13 निशान मिले। लेकिन उसके शरीर के भीतर एक भी गोली नहीं मिली। इसका कारण गोलियां इतनी नजदीक से बरसाई गईं कि शरीर को पार करती हुई निकल गईं। डाक्टरों की रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 गोलियों में 7 गोलियां सामने से मारने के निशान मिले हैं जबकि 6 गोलियां पीछे से मारे जाने के छेद मिले हैं।
20 साल से फंसी थी एक गोली, मरने पर डाक्टरों ने पोस्टमार्टम में निकाली बाहर
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सबसे चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि उसके शरीर के एक्सरे में एक 20 साल पुरानी गोली मिली है जो मुन्ना के पेट में फंसी थी। बताते हैं कि इससे पहले 1998 में करनाल हाइवे पर पुलि
स के साथ एनकाउंटर हुआ। बजरंगी को आठ गोलियां लगी थी। पुलिस उसे अस्पताल में भर्ती कराने के बजाय मोर्चरी पर ले गई थी, जबकि वह जिंदा था। चिकित्सकों ने शरीर से सात गोलियां तो निकाल दी थी, लेकिन एक गोली उसके पेट में फंसी थी। पोस्टमार्टम हुआ तो तीन डॉक्टरों के पैनल को वही एक गोली उसके शरीर में फंसी मिली। बताते चलें कि मुन्ना बजरंगी और मौत का यह पहली बार सामना नहीं हुआ।
पहली बार नहीं हुआ मौत से सामना, पहले भी पुलिस से हो चुका कई बार सामना
मार्च 2018 में झांसी जेल में एसटीएफ के एक दरोगा पर एक अन्य बंदी के माध्यम से उसे जहर देकर मारने की कोशिश की करने का आरोप लगा था। उस मामले की जांच चल रही है। कुल मिलाकर पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बहुद हद तक यह भी साफ हो गया कि मुन्ना बजरंगी की हत्या का साजिश पहले ही रची जा चुकी थी। सबकुछ तय था और बस उसने पहुंचने की देरी भर थी। यह एक योजनाबद्ध की गई हत्या थी। इस हत्याकांड ने साबित कर दिया कि जेलों में बैठे वर्दी वाले माफियाओं संग हत्या की साजिश रचते हैं।