समरनीति न्यूज, बांदाः जिले में आज एक चौंकाने वाला घटनाक्रम के तहत पुलिस ने एक नकली एसपी यानि पुलिस अधीक्षक को असली सिपाही और उसके साथी के साथ गिरफ्तार करते हुए अवैध वसूली के गौरखधंधे का खुलासा किया। इतना ही नहीं नकली एसपी को उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह नीली बत्ती लगी इनोवा कार से ट्रकों से अवैध वसूली कर रहा था। कार को भी बिल्कुल असली पुलिस अधिकारी की गाड़ी की तरह तैयार कर रखा गया था। पुलिस को इन लोगों के पास से एक 32 बोर का पिस्टल और दो मैग्जीन के साथ 24 कारतूस भी बरामद हुए हैं। तीनों को धोखाधड़ी और आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई करके जेल भेजा जा रहा है। पकड़ा गया सिपाही अमेठी जिले में तैनात था जिसका तबादला लखनऊ हो चुका है।
अमेठी में तैनात है पकड़ा गया सिपाही, लखनऊ तबादले के बाद साथी को नकली एसपी बनाकर शुरू कर दी वसूली
बांदा पुलिस को खबर मिली थी कि एक नीली बत्ती लगी गाड़ी जिले में हाइवे पर वसूली करती है। इसके बाद पुलिस चौकन्ना हो गई। इसी दौरान बीती रात कोतवाली प्रभारी शशिकांत पांडे को गश्त के दौरान भूरागढ़ चौकी के पास एक ढाबे पर उसी तरह की नीली बत्ती व एसपी की पुलिस प्लेट लगी इनोबा कार को देखा। शक के आधार पर जब पुलिस की गाड़ी उस कार की बढ़ी तो इनोवा कार (संख्या-यूपी-32, 3366) में सवार लोगों ने गाड़ी को आगे बढ़ा दिया और हाइवे की ओर तेजी से निकल गए।
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पुलिस ने गाड़ी पीछे लगाकर ओवरटेक करते हुए उसे रोक लिया। इसपर कार में सवार सिपाही प्रदीप कुमार सिंह (45) कार से उतरकर पुलिस जीप की ओर बढ़ा और कोतवाली प्रभारी मटौंध से बोला, कि एसपी साहब राउंड पर हैं लेकिन पुलिस को उसकी बातों पर शक हुआ और कार से उतारकर उसमें बैठे सोनभद्र निवासी अजय तिवारी (28) जो खुद को एसपी बता रहा था, से पूछताछ की।
इनोवा पर नीली बत्ती और एसपी लिखी पुलिस प्लेट लगाकर रात को निकलते थे वसूली पर, मटौंध पुलिस ने दबोचा
पुलिस का शक पक्का हो गया कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है। इंस्पेक्टर मटौंध शशिकांत पांडे ने कुछ सवाल पूछे तो नकली एसपी की पोल खुल गई। पुलिस ने दोनों के साथ कार चालक अवधेश सिंह (37) को भी हिरासत में ले लिया। बाद में तीनों ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल लिया और सबकुछ बता दिया। इस मामले को लेकर बांदा के एएसपी लाल भरत कुमार पाल ने प्रेसवार्ता में मामले का खुलासा किया। बताया जाता है कि प्रदीप सिंह पुलिस का सिपाही है और इस वक्त अमेठी जिले में तैनात था। बीती 9 जुलाई को उसका तबादला लखनऊ हुआ था लेकिन उसने ज्वाइन नहीं किया और खुद का एसपी बनाकर वसूली शुरू कर दी। तीनों ने बताया है कि वे लोग हाइवे पर ट्रकों को धौंस दिखाकर वसूली किया करते थे। इस मामले के खुलासे में कोतवाली प्रभारी मटौंध श्री पांडे, एसआई सुल्तान सिंह, कांस्टेबल बलवबीर सिंह की विशेष भूमिका रही।