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एक तरफ SP साहब-DIG साहब, दूसरी तरफ चौकी पुलिस और बीच में अस्पताल, फिर भी गुंडों ने नर्सों को दिया छेड़

समरनीति न्यूज, बांदाः राजधानी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही कानून व्यवस्था को लेकर लगातार पुलिस अधिकारियों के पेंच कस रहे हों। लेकिन बुंदेलखंड के बांदा में हालात कुछ ऐसे हैं कि जिनपर एकाएक यकीन नहीं होता।

खासकर महिला अपराधों को रोकने के लिए पुलिस की सक्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। हाल ही में बांदा में हुईं बच्चियों से रेप की वारदातों ने लोगों को हिलाकर रख दिया था। छेड़छाड़ तो यहां आम बात हो चली है। सड़कों पर बाइकें लेकर मनचले बहू-बेटियों से छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आते हैं। पुलिस कितनी सक्रिय है। इसका उदाहरण बीती रात जिला अस्पताल में नर्सों से दो शराबियों द्वारा जिला अस्पताल में घुसकर की गई छेड़छाड़ की घटना के दौरान देखने मिला।

 

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एक तरफ पुलिस चौकी और दूसरी तरफ जिले की पुलिस मुखिया और डीआईजी का आवास है। बीच में जिला अस्पताल है। सबकुछ लगभग 50 मीटर से दायरे में है। थोड़ा ज्यादा भी हो सकता है। इसके बावजूद दो गुंडों ने जिला अस्पताल में घुसकर नर्सों से इमरजेंसी वार्ड में छेड़छाड़ करते हुए बड़े दुस्साहस का परिचय दिया। न उनको पुलिस का डर था और न कानून का।

सूचना के बाद भी देरी से बचाने पहुंची पुलिस, सीएमएस ने कहा समय से नहीं आई पुलिस  

दरअसल, जिले में मनचलों और असामाजिक तत्वों का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है। अब तो महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों ने हद ही पार कर दी है। इन गुंडों के मन में पुलिस का कोई डर नहीं रह गया है। बीती रात बेखौफ मनचलों ने बांदा जिला अस्पताल में घुसकर दो नर्सों से छेड़छाड़ शुरू कर दी। ये दोनों जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में घुसे थे। बताया जाता है कि दोनों शराब के नशे में थे और नसों से छेड़छाड़ कर रहे थे। इसी दौरान मरीजों के तिमारदारों  व अस्पताल के अऩ्य कर्मचारियों ने उनको ऐसा करने से रोका। इन लोगों ने पुलिस को भी सूचना दी।

पुलिस ने अस्पताल कर्मियों की मदद से दोनों आरोपियों को पकड़ा, भेज रही जेल  

बताते हैं कि सूचना के बाद भी पुलिस काफी देर से मौके पर पहुंची। पुलिस ने देर से कार्रवाई करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया और उनके पूछताछ भी की। इस मामले में सीओ सिटी राघवेंद्र सिंह ने पीड़ित नर्स से मिली तहरीर पर बताया है कि आरोपी ऋषभ (30) अपने एक साथी के साथ शराब के नशे में वहां पहुंचा था।

 

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उधर, सीएमएस बांदा, डा. किशोरी लाल ने बताया है कि अस्पताल से करीब 50 मीटर पर एसपी और डीआईजी का आवास है। पास ही में पुलिस चौकी भी है। फिर भी सूचना देने के बाद भी पुलिस एक घंटे की देरी से जिला अस्पताल नर्सों को बचाने पहुंची। यह हालात तब हैं जब जिले की कमान एक महिला पुलिस अधिकारी के हाथों में है।

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