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ओवरलोडिंग को रोकने के लिए NHAI के दांव की उड़ी ‘खिल्ली’, बुंदेलखंड से लेकर कानपुर तक हालात बेकाबू

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आरटीओ विभाग की मिलीभगत से बांदा के ललौती के पास से गुजरते बालू लदे ओवरलोड ट्रक। (फाइल फोटो)

समरनीति न्यूज, कानपुरः हाई-वे पर ओवरलोडिंग का खेल है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. ऐसे में याद दिला दें कि इसको रोकने के लिए एनएचएआई ने एक नया रास्‍ता निकाला था। वो रास्‍ता था 10 गुना टोल टैक्स वसूलने का। अब आपको बता दें कि टैक्‍स वसूलने का ये रास्‍ता ओवरलोडिंग करने वालों के लिए सुविधा बन गया है। कहने का मतलब है कि, इस टैक्स के डर से ड्राइवरों ने ओवरलोड लाना बंद नहीं किया। बल्कि टैक्स चुका कर धड़ल्ले से इनका ओवरलोडिंग का खेल अभी भी जारी है।

ओवरलोडिंग से सड़कें भी रो पड़ीं  

वाहनों के ओवरलोडिंग के चक्‍कर में सड़कों का हाल तो और भी ज्‍यादा बद्तर हो चुका है। ऐसे में बांदा, कबरई व हमीरपुर की ओर से मौरंग, गिट्टी लेकर आने वाले ओवरलोड वाहन सड़कों की हालत और भी ज्‍यादा बिगाड़ देते हैं। इन वाहनों पर लगाम लगाने के लिए आरटीओ और एनएचएआई ने कई प्रयास किए। इसके बावजूद हर प्रयास को ओवरलोडिंग करने वालों ने ठेंगा दिखा दिया।

राहगीरों के लिए बन रहे हैं काल  

ओवरलोड वाहन इस रूट पर स्थित अलियापुर टोल प्लाज़ा से गुजरते  हैं और बदले में 10 गुना टोल चुका कर निकल जाते हैं। यही ओवरलोड वाहन राहगीरों के लिए काल बन रहे हैं। एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर पुरुषोत्तम लाल चौधरी के मुताबिक ओवरलोड वाहन टोल से गुजरने पर उससे 10 गुना टोल वसूल किया जाता है। नियमानुसार टोल पर ही ओवरलोड माल को अनलोडिंग यार्ड पर उतरवाया जाना चाहिए। जबकि सिर्फ टोल वसूल कर वाहनों को जाने दिया जाता है।

क्या कह रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी  

हमीरपुर से लेकर नौबस्ता के बीच आए दिन छोटे बड़े सड़क हादसे होते रहते हैं। इनमें से अधिकांश में ओवरलोड वाहन ही कारण बनते हैं। इस बारे में एनएचएआई के प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर पुरुषोत्‍तम लाल चौधरी कहते हैं कि हमारे पास ओवरलोड वाहनों से सिर्फ टैक्स वसूल करने के अधिकार हैं। ओवरलोडिंग पर दंड स्वरूप 10 गुना तक टैक्स वसूल किया जाता है। इसके बाद भी ओवरलोड करने वाले नहीं मानते हैं। इसके लिए आरटीओ और पुलिस डिपार्टमेंट को भी सजग होना पड़ेगा।

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