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महानगरों में बढ़ रहा नशे का कारोबार, युवाओं की सांसों में समा रहा हुक्का-ड्रग्स का धुआं

 

प्रतिकात्मक फोटो।

समरनीति न्‍यूज़, कानपुरः ‘हेडक्वार्टर’ की तरह कानपुर के ज्यादातर लॉज में पार्टी के नाम पर युवाओं को नशाखोरी कराई जा रही है. इस बारे में लॉज के एक इम्प्लाई ने बताया कि लॉज में युवाओं की मांग पर सूखा नशा चोरी छिपे उपलब्‍ध कराया जाता है. इसके ज्यादा पैसे चार्ज किए जाते हैं. ये नशा अब फैशन बनता जा रहा है. इसी का फायदा लॉज मालिक उठा रहे हैं. वे ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में उनको हुक्का में सूखा नशा भरकर पिलाने की फैसिलिटीज भी युवाओं को दे रहे हैं.

हुक्का गुडग़ुड़ाने से होती शुरुआत
डॉ. हेमंत बताते हैं कि लॉज में लड़के लड़कियों को हुक्का पिलाकर नशे की शुरुआत कराई जाती है. उन्हें पहले नॉर्मल हुक्का दिया जाता है. ये हुक्का कई फ्लेवर में होता है, जिसे लड़के लड़कियां आसानी से पीकर धुआं में उड़ाते है. वे धुएं से छल्ला, दिल जैसी कई चीजें बड़ी आसानी के साथ बना लेते हैं. इसमें उनको मजा आने लगता है.

प्रतिकात्मक फोटो।

ये कहकर किया जाता है ऑफर
इसके बाद उनको यह कहकर सूखा नशा का ऑफर किया जाता है कि ये शराब से अच्छा नशा होता है. इसे पीने से वह एक तरह से दूसरी दुनिया में पहुंच जाएगा. इसके लेते ही सारी टेंशन, मुश्किलें गायब हो जाएंगी. इस तरह लोग सूखे नशे की गिरफ्त में आ जाते है. एक बार जो सूखे नशे की गिरफ्त में आ जाता है. वह बमुश्किल ही इसे छोड़ पाता है.

लुभाने के लिए होती है पार्टी
जिला प्रशासन के आंकड़ों की मानें तो शहर से सौ से ज्यादा लॉज खुल गए है. जिसमें धड़ल्ले से हुक्का पिलाया जाता है. हुक्का, फ्रैंडशिप डे, वैलेनटाइन डे आदि थीम पर लॉज में पार्टी की जाती है. इंटरनेट और वॉट्सएप के जरिए यूथ को नशे की पार्टी का इंविटेशन भेजा जाता है. कई लॉज में स्पेशल कपल पार्टी का आयोजन होता है, जिसमें शराब, कबाब से लेकर शबाब तक का इंतजाम किया जाता है.

ऐसा होता है ऑफर
इसके नाम पर दो हजार से लेकर 20 हजार तक का पैकेज ऑफर होता है. पार्टी में यूथ को हुक्का के साथ सूखा नशा भी दिया जाता है. पार्टी में डीजे की तेज धुन में सूखा नशा कर लोग झूमते रहते हैं. इस तरह लॉज में हर महीने 12 से 15 पार्टियां की जाती है. पार्टी के अलावा लॉज में लेडीज अलग से कई तरह की पार्टी करती हैं. अब तो बर्थडे और किटी पार्टी में भी हुक्का का कल्चर बढ़ गया है. जिसमें नशाखोरी की जाती है.

नशाखोरी के लक्षण 

– पानी से डरकर दूर भागना

– अलग और गुमसुम रहना

– आंखों का लाल और भारी रहना

– हर समय डरा रहना

– गलती नहीं करने पर उसका अहसान न होना

– सामान्य बातों पर चेहरे का भाव बदलना

खुराक न मिलने पर हाल 

– हाथ और पैर का कांपना

– दिल घबराना, जैसे बीपी लो हो रहा है

– सिर और चेहरे पर पसीना आना

– सिरदर्द और चक्कर आना

– जुबान लडख़ड़ाना, अजीब सी घबराहट होना

– भूख न लगाना, गला सूखना, कमजोरी महसूस करना

नशे के दुष्प्रभाव 

डॉ. मनमीत सिंह बताते हैं कि सूखा नशा शराब से कई गुना खतरनाक होता है. इसका नशा करने से शरीर खोखला होता जाता है. नशे के आदी व्यक्ति को इस नशे की एक डोज दो से तीन घंटे तक असर करती है. इसकी डोज लेते ही इंसान का दिमाग सुन्न पड़ जाता है. उसके सोचने और समझने की शक्ति शून्य हो जाती है. उसकी आंखे भारी होने लगती है. इंसान को सब दिखता तो है, लेकिन उसका मतलब उसको समझ में नहीं आता. इस नशे से हार्ट अटैक, हताशा, घबराहट होने का खतरा बढ़ जता है. इसके अलावा यह नशा इंसान को अंदर ही अंदर खोखला करता जाता है.