समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः सात साल पहले एक बेटी निर्भया से दरिंदगी की हदें पार करने वाले चारों दरिंदों को आज सुबह साढ़े 5 बजे फांसी पर लटका दिया। इसके साथ ही देश के माथ से एक बड़ा पाप मिट गया। बेटियों के पिता के सिर से बोझ सा उतर गया। सभ्य समाज में रहने वाले हर व्यक्ति ने सकून महसूस किया। रात तक चारों दरिंदे खुद के बचाव के लिए हथकंडे अपनाते रहे, लेकिन कुछ काम नहीं आया।
तमाम अपनाए हथकंडे नाकाम
तमाम हथकंडों के बावजूद कानून ने अपना काम किया और सुबह चारों को एक साथ फांसी पर लटका दिया गया। बताते हैं कि इन दोषियों को सुबह जगाने के बाद चाय भी आफर की गई। नहाने के लिए कहा गया। इनमें से एक नहाया, बाकी तीन नहीं नहाए। इसी तरह तीन ने कपड़े भी नहीं बदले। आखिरी वक्त में भी एक दोषी ने अपने वकील से मिलाने को भी कहा।
रातभर जागते रहे चारों ही दोषी
इन चारों दोषियों को सुबह 20 मार्च को 5.30 बजे फांसी दी गई। बताते हैं कि फांसी से ठीक पहले चारों दोषियों के चेहरे पर बेचैनी दिखी। बताया जाता है कि चारों में किसी ने अपनी कोई अंतिम इच्छा जाहिर नहीं की। फांसी से पहले चारों दोषियों में मुकेश और विनय ने खाना खाया, बाकी दोनों ने खाना खाने से मना कर दिया।
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बताते हैं कि रातभर दोषी जागते रहे। फांसी से पहले नाश्ते के लिए पूछा गया, लेकिन चारों ने ही मना कर दिया। रात भर जेल प्रशासन ने इन चारों पर बारीकि से नजर रखी। इन पर नजर रखने के लिए जेल प्रशासन ने करीब 15 लोगों की एक टीम तैयार की थी जो इनकी पल-पल की हरकतों पर नजर रख रही थी। अब उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जाएगा।
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