नम्रता लोधी, बांदा : कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, बल्कि इससे लड़ने की जरूरत है और लड़ने के लिए सबसे बड़ा हथियार जागरुकता है। जागरुकता के जरिए ही हम इसे हराकर भगा सकते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी को फालो करें, पूरी सावधानियां बरतें। यह कहना है बांदा के चाइल्ड स्पेशलिस्ट और जाने-माने डाक्टर जे विक्रम का।
जागरुकता के साथ बचाव जरूरी
डाक्टर विक्रम बताते हैं कि कोरोना एक महामारी है जिससे हम सभी को मिल-जुलकर जगारुकता से लड़ना होगा। उनका कहना है कि सरकार कोरोना वायरस से बचाव के लिए शानदार काम कर रही है, जनता को चाहिए कि सरकार की एडवाइजरी का पालन करे। कहते हैं कि इस बीमारी का फैलाव विदेशों से आने वाले लोगों से हो रहा है। जो लोग आ रहे हैं उनको खुद ही 14 दिन तक आइसोलेशन सेंटर में रहना चाहिए।
ऐसे संक्रमित हो रहे लोग
डाक्टर बताते हैं कि कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है, यह वायरस भी मनुष्य को उसी तरह संक्रमित करता है जैसे दूसरे वायरस। उन्होंने बताया कि अबतक 10 वर्ष से 55 वर्ष की उम्र वाले व्यक्तियों की कोरोना से मरने वालों में संख्या 0.2 प्रतिशत है। वहीं 10 वर्ष से कम के बच्चों की मृत्यु न के बराबर है। इसके साथ ही 55 वर्ष से अधिक की उम्र के लोग वैसे भी क्रानिक विमाटियों से पीड़ित रहते हैं। ऐसे में उनमें यह इंफेक्शन ज्यादा खतरनाक है।
कुछ ऐसे हैं कोरोना लक्षण
तेज बुखार के साथ सूखी खांसी, नाक बहना, आखों का लाल होना, सीने में जकड़न, सांस लेने में तकलीफ। वहीं कोरोना के खतरनाक लक्षणों में सांस बंद होना, साथ में हाथ-पैर और जुबान के साथ होंठों का नीला पड़ जाना तथा बेहोशी होना। बताते हैं कि बीमारी के प्रारंभिक लक्षण अन्य फ्लू या वायरल के इन्फेक्शन के लक्षणों जैसे होते हैं। डाक्टर विक्रम बताते हैं कि जो लोग क्रानिक बीमारियों जैसे दमा, डायबिटीज, शुगर, स्ट्रोक, गुर्दे के प्रत्यारोपण, कैंसर, लीवर फेल व गुर्दे फेल जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं, उनको इंफेक्शन से थोड़ा ज्यादा खतरा होता है।
ऐसे करें इससे बचाव
- भीड़ वाली जगेहों पर न जाएं।
- जरूरी होने पर मास्क लगाकर ही जाएं।
- फ्रिज में रखी चीजें न लें। जैसे जूस, आसक्रीम आदि।
- जो लोग विदेश यात्रा से लौटे हैं या एसी जगह से लौटे हैं जहां कोरोना वायरस के रोगी पाए गए हैं, उनके संपर्क से बचें।
- जुकाम, बुखार, खांसी होने पर तुरंत डाक्टर से मिलकर इलाज लें।
- भ्रमित न हों, घबराए नहीं। बस संयम से काम लें।
- स्वतः इलाज व देशी नुस्खा के भरोसे इलाज न लें।
- शिष्टाचार में हाथ न मिलाएं व गले न मिलें, बस नमस्ते करें।
- भीड़ भरे सफर के दौरान मास्क का उपयोग जरूर करें।
- हर कुछ देर बाद हाथ धोने की आदत जरूर डालें।
- बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोने का प्रयास करें।
- सेनेटाइजर का प्रयोग कर सकते हैं। मुंह-नाक और आंख को बार-बार न छुएं।
- खुद भी साफ रहें तथा अपने आसपास भी सफाई करें।
- बदलते हुए मौसम में तेज हवा व भीगने से बचें। ताजा खाना बनाकर खाएं, जो घर का बना हो। फल अधिक मात्रा में लें।