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सैफई मेडिकल कालेज रैगिंग मामलाः दोषी सीनियर्स पर बड़ी कार्रवाई, मुख्यमंत्री योगी ने कुलपति को तलब किया

समरनीति न्यूज, लखनऊः सैफई मेडिकल कालेज में लगभग 150 छात्रों के साथ रैगिंग करते हुए उनका सिर मुंडवाने के मामले में डीएम की जांच के बाद बड़ा सच सामने आया है। मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैफई मेडिकल कालेज के कुलपति को तलब किया है। साथ ही दोषी सीनियर छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। मामले में खास बात यह है कि शुरू में लगातार दो दिनों तक रैगिंग की बात सिरे से नकारने वाले एंटी रैगिंग टीम ने अपनी जांच में 7 सीनियर्स छात्रों को दोषी करार दे दिया है। हालांकि रिपोर्ट अभी लिफाफे में बंद बताई जा रही है।

रैगिंग की बात नकार रहे थे कुलपति, फिर बताया था मुंडन संस्कार  

मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कुलपति को तलब किया था लेकिन वह किन्हीं कारणों से नहीं जा सके, अब शनिवार को मुख्यमंत्री के सामने उनको जाना है। बताते दें कि मीडिया में मामले के सुर्खियां पकड़ने के बाद भी कुलपति बेतुके से बयान देते रहे और विश्विद्यालय में रैगिंग की बात को सिरे से नकारते रहे थे। इतना ही नहीं कुलपति ने रैगिंग को झुठलाते हुए इसे मुंडन संस्कार करार दे डाला था। कहीं न कहीं विश्वविद्यालय की भारी किरकिरी हुई थी। हालांकि, बाद में डीएम की जांच रिपोर्ट में रैगिंग की सच्चाई का खुलासा हुआ था। इसके बाद विश्वविद्यालय की एंटी रैगिंग कमेटी ने आनन-फानन में गुरुवार रात को तेजी दिखाते हुए कुलपति प्रो. राजकुमार को रिपोर्ट सौंपी।

7 सीनियर्स के निलंबन के साथ जुर्माने और एफआईआर की तैयारी  

रिपोर्ट में वर्ष 2018 बैच के सात छात्रों को दोषी पाते हुए उनपर 25-25 हजार रुपए जुर्माना और एक-एक माह तक कक्षाओं और हास्टल में जाने पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिशें की गई हैं। इतना ही नहीं दोषी छात्रों के खिलाफ एफआईआर की तैयारी भी चल रही है। बताते दें की इस मामले का खुलासा जिलाधिकारी इटावा, जेबी सिंह ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट सचिव को भेजते हुए रैगिंग होने की बात की पुष्टि की थी।

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साथ ही रिपोर्ट में कहा गया था कि रैगिंग को छिपाने का प्रयास हुआ है। इसके बाद सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में रैगिंग को लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) ने भी विश्वविद्यालय को नोटिस जारी किया। साथ ही 24 घंटे में जवाब मांगते हुए पूछा है कि क्यों न विश्वविद्यालय पर डेढ़ करोड़ का जुर्माना लगाते हुए दोषी छात्रों को 1 माह के लिए निलंबित कर दिया जाए।

खुद की फजीहत कराने के बाद जागे विश्वविद्यालय के जिम्मेदार  

बताया जा रहा है कि दोषी सीनियर छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी चल रही है। वहीं शाक्य मुनि छात्रावास के वार्डन को निलंबित करते हुए वहां तैनात सभी सुरक्षाकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके साथ ही वर्ष 2018 बैच के सीनियर्स छात्र-छात्राओं से 5-5 हजार रुपए जुर्माना भी वसूला जाएगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय मानीटरिंग सेल का पुनर्गठन करने का आदेश दिया गया है।

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