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चंद्रयान-2ः लैंडिंग से 2.1 किमी पहले राह भटका विक्रम लैंडर, इसरो से टूटा संपर्क

समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः शुक्रवार रात करीब 1.55 बजे देश के सबसे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 अपनी लांचिंग के 48 दिन में 3.84 लाख किमी का सफर शानदार ढंग से तय करते हुए चांद के करीब पहुंचा, लेकिन अंतिम क्षणों में सतह से मात्र 2.1 किमी की दूरी पर लैंडर विक्रम राह भटक गया और इसके बाद इसरो के मिशन कंट्रोल का उससे संपर्क टूट गया। इसके साथ ही देश के करोड़ों लोगों व वैज्ञानिकों में निराशा का माहौल बन गया। इस लैंडिंग को देखने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि इसरो के केंद्र में देशभर से चुने 70 प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं के साथ मौजूद रहे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने वैज्ञानिकों की पीठ थपथपाई और कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन आप सभी की मेहनत पर देश को गर्व है और फिर से संपर्क बहाल होने की उम्मीद है।

22 जुलाई को शुरू हुई थी यात्रा 

बताते चलें कि भारत के चंद्रयान-2 ने बीती 22 जुलाई को चांद के लिए यात्रा शुरू की थी। तब से लगातार यह इतिहास रचता हुआ आगे बढ़ रहा था। इसरो ने यान के लैंडर विक्रम को चांद की सतह पर उतारने के लिए शुक्रवार रात डेढ़ से ढाई बजे के बीच का समय तय किया था। भारत के इस अभियान की महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खुद नासा के वैज्ञानिक भी इस लैंडिंग पर पल-पल नजर रखे हुए थे। साथ ही पूरी दुनिया इसे देख रही थी।

चंद्रयान-2 – प्रक्षेपण से लेकर अब तक का सफर

  • 22 जुलाई 2019 की दोपहर 2:43 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण हुआ।
  • 22 जुलाई को प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद ही यह यान 6 हजार किमी की दूरी को पार करता हुआ पृथ्वी की कक्षा में पहुंच गया।
  • 24 जुलाई को दोपहर 2.52 बजे इस यान ने पहली बार सफलतापूर्वक कक्षा बदली।
  • 26 जुलाई-देर रात 1.08 बजे चंद्रयान-2 की कक्षा बदली। पृथ्वी से 54 हजार 829 किमी ऊपर स्थित कक्षा में पहुंचाया।
  • 4 अगस्त को इसरो ने चंद्रयान-2 से पृथ्वी की खींची गईं कुछ फोटो भी जारी कीं।
  • 20 अगस्त को सुबह 9.02 बजे चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया।
  • 02 सितंबर तो दोपहर 1:15 बजे चंद्रयान- 2 के ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक लैंडर विक्रम अलग हो गया।
  • 04 सितंबर 2019 की रात को 3.42 बजे लैंडर की कक्षा में आखिरी बार बदलाव हुआ। इसके बाद सफलतापूर्वक उसकी कक्षा बदलकर, नीचे लाया गया।

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