समरनीति न्यूज, बांदाः मंगलवार को जगत जननी मां जगदंबे की प्रतिमाओं का विसर्जन जुलूस निर्धारित रूट से होता हुआ गाजे-बाजे के साथ के नदी पहुंचा। वहां पर दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। विसर्जन रूट में जहां हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ रही, वहीं पुलिस बल भी मुस्तैदी से तैनात रहा।
जगह-जगह संचालकों का स्वागत
लोगों ने जगह-जगह पंडाल लगाकर जुलुस में शामिल संचालकों व भक्तों को जलपान कराते हुए पुण्य लाभ अर्जित किया। भक्तों ने भी जय माता दी के नारे लगाए। पूरा माहौल भक्ति के नारे से गूंज उठा। हर तरफ जय माता दी के नारों की गूंज हो गई।
केंद्रीय पूजा समिति के पदाधिकारी अमित सेठ ने बताया कि शाम 5:00 बजे तक एक सैकड़ा दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया गया। इसके अलावा बिना टोकन लिए भी शहर और गांवों से आईं दुर्गा प्रतिमाओं को नदी में विसर्जित किया गया है।
धूम-धड़ाके और गाजे-बाजे के साथ विसर्जन जुलूस प्रशासन द्वारा तय मार्ग से गुजरा। डीजे की धुन पर डांस करते हुए देवी भक्त रंग और गुलाल उड़ा रहे।
श्रद्धालुओं ने भी किया प्रसाद वितरण
माता रानी की विदाई के दौरान उनका मन भारी जरूर था लेकिन उत्साह भी नजर आ रहा था। विसर्जन मार्ग पर तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा पंडाल लगाए गए थे।
सुरक्षा में मुस्तैद रहा पुलिस बल
इन पंडालों में विसर्जन में शामिल देवी भक्तों को जलपान कराया गया। किसी श्रद्धालु ने हलवा का वितरण किया तो किसी ने श्रद्धालु को मीठा शरबत पिलाया। इधर, केन नदी में विसर्जन घाट पर पहुंचने के बाद देवी भक्त दुर्गा प्रतिमाओं को नावों पर रखते हुए बीच जलधारा में लेकर पहुंचे।
माता रानी के गगनभेदी जयघोष के साथ दुर्गा प्रतिमाओं को केन नदी में विसर्जित किया गया। जिला अधिकारी हीरालाल और पुलिस अधीक्षक गणेश साहा समेत पुलिस फोर्स विसर्जन जुलूस की निगरानी करता रहा।
विसर्जन में फफक पड़े देवी भक्त
पूरे 9 दिनों तक जगत माता की पूजा अर्चना के दौरान शहर गुलजार था। मंगलवार को जब दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन करने का समय आया तो देवी भक्तों का मन विचलित होने लगा।
भारी मन से उत्साह के साथ देवी विमानों को विसर्जन को केन नदी ले जाया गया। मां से जुदाई का समय आया तो तमाम देवी भक्त फफक फफक कर रो पड़े।
माता रानी से मनोकामना को पूर्ण करने की कामना करते हुए मां अंबे की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। इस दौरान लोगों का उत्साह देखते बन रहा था। भक्त जय माता दी के नारे लगा रहे थे। बड़ी सख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा था।
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