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बड़ी खबरः उन्नाव दुष्कर्म मामले में विधायक कुलदीप सेंगर दोषी करार, शशि सिंह बरी

kuldeep senger

समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः उन्नाव दुष्कर्म कांड से जुड़े दुष्कर्म के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सोमवार को भाजपा से निष्कासित उन्नाव के विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया। इतना ही नहीं कोर्ट ने दुष्कर्म पीड़िता को नाबालिग माना है। ऐसे में विधायक कुलदीप सेंगर की पोक्सो (POCSO)एक्ट के तहत मुश्किलें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि इस धारा में सख्त सजा का प्रावधान है। बताते हैं कि अदालत ने जैसे ही विधायक कुलदीप सेंगर को दोषी करार दिया, वह अदालत में ही रोने लगे। वहीं इस मामले में महिला शशि सिंह को अदालत ने बरी कर दिया है। विधायक को सजा पर आज मंगलवार को सुनवाई होनी है। अदालत आज सजा सुनाएगी।

शशि सिंह को कोर्ट ने किया बरी

बताया जा रहा है कि कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले के बाद शशि सिंह बेहोश हो गईं। वहीं कोर्ट में विधायक कुलदीप सेंगर के वकील तनवीर अहमद मीर ने अदालत में कहा कि सजा पर आज ही बहस हो। इसपर कोर्ट ने सजा के लिए मंगलवार का दिन तय किया है। बताते हैं कि आरोपित महिला शशि सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया है।

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बताया जा रहा है कि इस मामले की सुनवाई करते हुए जज धर्मेश शर्मा की अदालत ने फैसला सुनाया तो कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह कोर्ट रूम में रोने लगे। बता दें कि तीस हजारी कोर्ट में 5 अगस्त को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी। 9 अगस्त को दोनों आरोपियों पर आरोप तय हुए थे। लगभग 5 माह तक इससे जुड़े सभी मामलों को लगातार तीस हजारी अदालत में सुना गया है। आरोप है कि 4 जून, 2017 को नौकरी देने के नाम पर विधायक कुलदीप सेंगर ने साजिश रचने और दुष्कर्म करने का अपराध किया।

यह है उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म कांड

आरोप है कि विधायक सेंगर ने नौकरी देने का वादा करके अपने आवास पर पीड़िता से दुष्कर्म किया। पीड़िता को किडनैप कर सामूहिक दुष्कर्म की वारदात भी हुई। इसमें 3 नामजद समेत 6 आरोपी हैं। इसके बाद पीड़िता के पिता के खिलाफ 3 अप्रैल 2018 को शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ। पुलिस हिरासत में अधिक पिटाई से उनकी मौत हो गई थी।

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इसके बाद 28 जुलाई को रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलकर वापस लौट रही पीड़िता की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। कार में बैठीं पीड़िता की चाची और मौसी के साथ वकील भी शामिल थे। इस हादसे में उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उसे लखनऊ से दिल्ली ले जाकर भर्ती कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को उन्नाव कांड से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली की तीस हजारी अदालत में शिफ्ट किया था।

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