समरनीति न्यूज, कानपुरः होली के सातवें दिन आज रविवार को शहर में एक बार जमकर रंग-गुलाल उड़ा। सड़कों पर हर तरफ होरियारे दिखाई दिए तो आसमान में रंग उड़ते दिखे। युवाओं का जोश मटकी फोड़ प्रतियोगिता में दिखाई दिया। पूरे परंपरागत ढंग से स्वतंत्रता का इतिहास खुद में समेटे गंगा मेले ने आज अपने 79वें में कदम रखा।
आपसी भाईचारे के साथ जमकर धूम मची
शहर में आपसी भाईचारे के साथ जमकर धूम मची। अबीर-गुलाल और रंगों से खूब होली खेली गई। लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाइयां दीं।
परंपरागत ढंग से हुई शुरुआत
सुबह 10 बजे हटिया स्थित रज्जन पार्क से परंपरागत ढंग से रंगों का ठेला निकलना शुरू हुआ। वहां से सीधे जनरलगंज, नौघड़ा और बिरहाना रोड से होता हुआ यह रंगों का ठेला प्रमुख मार्गों से गुजरा।
इसमें कानपुर हटिया होली महोत्सव कमेटी के मूलचंद्र सेठ, ज्ञानेंद्र विश्नोई के अलावा विनय सिंह भी शामिल हुए। रास्ते में व्यापारी संगठनों और व्यापारी नेताओं ने स्वागत में स्टाल लगाए हुए थे।
शाम तक सरसैया घाट पर पहुंचकर संपन्न हो जाएगा। इस दौरान सभी राजनीतिक दलों के स्टाल भी दिखाई दिए। मूलगंज, हालसी रोड, बदशाहीनाका और नयागंज समेत नौघड़ा और जूही से लेकर जरौली, चकेरी में जमकर होली खेली गई। कपड़ा फाड़ होली भी हुई।
युवाओं ने खूब डांस किया और खूब रंग उड़ाया। कोरोना के चलते लोगों ने एहतियात भी बरता। कई लोग मुंह पर मास्क लगाए दिखाई दिए। वहीं काफी लोगों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाने में भी परहेज किया।
जानकारों की माने तो हर साल की अपेक्षा इस बार गंगा मेले की रौनक कम ही रही। वहीं आईआईटी के पास शहर के एक रेस्टोरेंट में महिलाओं ने गुलाल लगाकर और एक-दूसरे को गले लगाकर होली मिलन का आयोजन किया।
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