समरनीति न्यूज, बांदाः कोरोना संक्रमण से जनता को बचाने के लिए जूझ रही बांदा पुलिस अपने कर्तव्य निर्वहन में भी अव्वल है। गिरवां कोतवाली प्रभारी शशि पांडे की सूझबूझ से एक ऐसे हत्याकांड का खुलासा हुआ है जिसे सामान्य मौत समझा जा रहा था। हत्याकांड की भनक तक आसपास के लोगों को नहीं लगी। अक्सर ऐसे हत्या के मामले पुलिस की फाइलों में दबकर रह जाते हैं।
डीआईजी दीपक कुमार ने काम की सराहना की
इस खुलासे पर डीआईजी दीपक कुमार ने गिरवां पुलिस की प्रशंसा की है। डीआईजी ने कहा कि कोरोना संकट के बीच भी गिरवां कोतवाली प्रभारी शशि पांडे ने ईमानदारी और लगन से काम किया है। उनका कार्य सराहनीय है।
3 दिन पूर्व घर में मिला था अकेली वृद्धा का शव
बताया जाता है कि गिरवां के गांव बहोरवापुरवा निवासी अंजनी देवी (75) अपने घर में अकेली रहती थीं। उनकी बेटी कुसमा की शादी बांदा के ही तिंदवारी कस्बे में हुई है। इकलौता बेटा राजस्थान में रहकर मजदूरी करता है। लाॅकडाउन के कारण वहीं रुका है। लगभग 3 दिन पहले वृद्धा अंजनी का शव उनके घर में पड़ा मिला था। तब यही माना गया था कि उनकी मौत अकेले रहते हुए बीमारी के कारण हुई है।
पहले दिन से इंस्पेक्टर को लगा दाल में काला
हालांकि, थाना प्रभारी को पहले ही दिन से दाल में कुछ काला लगा। उन्होंने लोगों से पूछताछ की। एक युवक के भी गांव से गायब होने की जानकारी मिली। इंस्पेक्टर ने बड़ी सूझबूझ के साथ हल्के के सिपाहियों को अलर्ट करते हुए छानबीन में लगाया।
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उनको जिम्मेदारी सौंपी कि घटना से जुड़ी हर चीज की निगरानी करें। हर बात की तस्दीक करें। उस वक्त पुलिस ने पंचनामा भरके शव को पोस्टमार्टम के लिए तो भेज दिया, लेकिन जांच जारी रखी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो मौत की वजह गला दबाना आया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से शक यकीन में बदल गया
इंस्पेक्टर का शक यकीन में बदल गया। पुलिस ने छानबीन तेज कर दी। पता चला कि वृद्धा अंजनी का घर के पास लकड़ी रखने को लेकर पड़ोसी संतोष नाम के युवक से आए दिन झगड़ा होता था। घटना के दिन भी युवक से दिन में विवाद हुआ था। अगले दिन से युवक गांव से गायब हो गया। बाद में उसे पकड़ लिया गया। गिरवां थाना प्रभारी शशि पांडेय का कहना है कि आरोपी को जेल भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल लिया है।
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