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देखते ही देखते शरीर से कम हो रही प्रोटीन, जरा आप भी दें ध्यान

समरनीति, सेहतः प्रोटीन की कमी इन दिनों एक महामारी की तरह भारतीयों को जकड़ती जा रही है। लोग कैल्‍शियम और आयरन की कमी की तरह बच्‍चों और बड़ों दोनों में प्रोटीन की इस कमी को भी सीरियसली नहीं लेते। ऐसे में इससे बढ़ती समस्‍याएं समय के साथ साथ अपने पांव पसारती जा रही है। इसके बावजूद लोग इसको नजरअंदाज कर रहे हैं। एक्‍सपर्ट्स के मुताबिक इसपर तुरंत ध्‍यान देने की बहुत सख्‍त जरूरत है।

ऐसा बताया गया है कारण 

वैसे गौर करें तो इसके पीछे कारण बताया गया है कि भारत की शहरी आबादी के 73 प्रतिशत खानपान में प्रोटीन की कमी है। इनमें से 93 प्रतिशत लोग आदर्श प्रोटीन की जरूरतों के प्रति अनजान हैं। करीब एक तिहाई भारतीय ही इस बात को जानते और मानते हैं कि प्रोटीन की कमी से ही वह बड़ी संख्‍या में कमजोरी और थकान के शिकार हो रहे हैं। हाल ही में इसको लेकर छह शहरों का सर्वे किया गया। इस सर्वे में प्रोटीन की कमी के आधार पर लखनऊ को नंबर वन पाया गया। वहीं अहमदाबाद और चेन्‍नई को भी इसी क्रम में शामिल किया गया।

इनमें होती है भरपूर मात्रा  

इसकी कमी के पीछे वैसे सबसे सामान्‍य कारण बताया गया कि भारतीय आहार में 60 प्रतिशत हिस्‍सा अनाज का होता है। अब सवाल ये उठता है कि अनाज में तो प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है। ऐसे में बहुत अहम है ये जानना कि इसमें खास अमीनो एसिड की कमी होती है। इसको मैथियोनिन के नाम से भी जाना जाता है। हमारे शरीर में विकास और ऊतकों की मरम्मत के लिए इसकी जरूरत बहुत ज्‍यादा होती है। यही कारण है कि शरीर को हर तरह से उचित पोषण देने के लिए हमारे खाने में अनाज और दालों का मेल बहुत ज्‍यादा जरूरी है। प्रोटीन की अच्‍छी मात्रा पाने के लिए हमारे खाने में जरूरत पड़ती है अनाज और दाल को 5:1 के अनुपात से लेने की। इसमें 5 प्रतिशत हिस्‍सा अगर अनाज का हो तो 1 प्रतिशत हिस्‍सा पूरी तरह से दाल का भी हो।

पर्याप्‍त नहीं है बस इतना  

अब यहां अगली गौर करने वाली बात ये भी है कि सिर्फ दाल और अनाज का संतुलन भी पूरी तरह से पर्याप्‍त नहीं है। कारण है कि आपके शरीर को मिलने वाले प्रोटीन का हजम हो पाना भी ऐसे में बहुत जरूरी होगा। सिर्फ इन दोनों के सेवन से आप शरीर को मिलने वाले प्रोटीन को आखिर हजम कैसे कर पाएंगे। इसके लिए इस कॉम्‍बो में आपको जोड़नी होगी एक और चीज। ये अगली जरूरी चीज है पशुओं से मिलने वाला प्रोटीन। यानी एनिमल प्रोटीन। इस श्रेणी का प्रोटीन पाने के लिए आप पशुओं से मिलने वाले दूध, मीट और अंडों जैसी चीजों का भी सेवन कर सकते हैं। तब कहीं जाकर बैठेगा आपके शरीर को मिलने वाला परफेक्‍ट प्रोटीन।

कहीं ज्‍यादा भी न हो जाए 

एक ओर जहां प्रोटीन की कमी भारत की वास्‍तविकता बनती जा रही है, वहीं यहां कुछ ऐसे लोग भी हैं जो फिटनेस और अपनी सनक के नाम पर कुछ ज्‍यादा ही प्रोटीन को अपने खाने में तवज्‍जोह दे देते हैं। ऐसे में ध्‍यान रखने वाली बात ये भी है कि आप अगर जरूरत से ज्‍यादा प्रोटीन का सेवन भी कर लेते हैं तो वह आपकी किडनी पर असर डालना शुरू कर देता है। इसके पीछे पहला कारण है कि बहुत ज्‍यादा प्रोटीन को हजम कर पाना मानव अंगों के लिए इतना आसान नहीं होता, जो हमारे लीवर पर दुष्‍प्रभाव डालती है। वहीं दूसरा कारण है कि इसका प्रभाव हमारी किडनी पर भी पड़ता है। इसको शरीर से बाहर निकालने में सबसे ज्‍यादा मेहनत हमारी किडनी को ही करनी पड़ती है। ऐसे कई मामलों में परिणामस्‍वरूप इंसान मोटापे का शिकार हो जाता है।