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बांदा में लेखपाल समेत शहर के कई धन्ना सेठों पर धोखाधड़ी और जालसाजी की FIR, जमीन हड़पने का आरोप

समरनीति न्यूज, बांदाः जिले में लेखपालों की मिलीभगत से धन्नासेठों द्वारा जालसाजी करके गरीब की जमीन हड़पने का एक सनसनीखेज आरोप का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित की गुहार पर अदालत के आदेश पर शहर कोतवाली में कई बड़ी पहुंच वाले लोगों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी समेत गंभीर धाराओं में FIR दर्ज हुई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एफआईआर दर्ज होने के बाद शहर में खलबली मची हुई है।

शहर के लड़ाकापुरवा का मामला   

बताया जाता है कि शहर के ईदगाह रोड निवासी यूसुफ खां पुत्र मोहब्बत अली का कहना है कि लड़ाका पुरवा में उसकी भूमिधरी की जमीन है। इस जमीन पर वह काबिज और दाखिल है। कहा कि 1993 में तत्कालीन लेखपाल ने दस्तावेजों में संशोधन करके गाटा संख्या में तीन खातेदार अंकित कर दिए। साथ ही खातेदारों का एक से पांच बटे तक का कब्जा दर्ज कर दिया था। उसका कहना है कि यह बंटवारा 2016 तक ठीक रहा।

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आरोप है कि इसके बाद षड़यंत्र करते हुए शहर के फूटाकुंआ के रहने वाले श्याम कुमार जड़िया, विजय कुमार गुप्ता, रामसेवक गुप्ता निवासी कटरा, तथा जगदीश अग्रवाल पुत्र मूलचंद्र अग्रवाल निवासी पीली कोठी तथा नदीम खां व मुबीन खां पुत्रगण मुसब्बर अली निवासी खाईंपार के साथ मिलकर यूसुफ की जमीन के आसपास की जमीनें खरीद लीं।

पुलिस ने नहीं लिखी थी रिपोर्ट    

इसके बाद लेखपाल संतोष यादव से साठगांठ करने के बाद नक्शा दाखिल करके उसकी जमीन को खरीददारों के कब्जे में दिखा दिया। इतना ही नहीं इन सभी ने मिलकर राजस्व विभाग का पुराना नक्शा भी गायब करा दिया।

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पीड़ित यूसुफ का कहना है कि उसने मामले की शिकायत करते हुए आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट लिखानी चाही। लेकिन सभी आरोपी शहर के पहुंच वाले लोग हैं इसलिए पुलिस ने दवाब में रिपोर्ट नहीं लिखी।

एफआईआर से मची खलबली  

बाद में उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपियों के खिलाफ धारा 419, 420, 465, 468 और 471 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। कोतवाली पुलिस के उप निरीक्षक अनिरुद्ध प्रताप सिंह को मामले की जांच कर रहे हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद शहर के दूसरे जालसाजों में भी हड़कंप मचा हुआ है।