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खनिज निदेशक रोशन जैकब का बांदा की खदानों पर छापा, अवैध खनन मिलने पर विवादित खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह निलंबित..

खनिज निदेशक डा. रोशन जैकब व बांदा खनिज अधिकारी

समरनीति न्यूज, लखनऊ/बांदाः जिले में एनजीटी के नियमों के विरुद्ध खदानों पर चल रहे अवैध खनन के आरोपों सच साबित हुए। लखनऊ से औचक निरीक्षण पर बांदा पहुंचीं निदेशक, भूतत्व एवं खनिजकर्म डा रोशन जैकब ने खुद खदानों पर अवैध खनन और नियम विरुद्ध मात्रा से अधिक खनन पकड़ा। चौंकाने वाली बात यह है कि यह सबकुछ जिले के खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा था। ऐसे में खनिज निदेशक ने बांदा के खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करते हुए निलंबन की संस्तुति कर दी है।

फतेहपुर के खनिज अधिकारी को भी प्रतिकूल प्रविष्टि 

वहीं फतेहपुर के खनिज अधिकारी सौरभ गुप्ता को ओवरलोडिंग मिलने के कारण प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। कार्रवाई से बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया है। बताते चलें कि खनिज अधिकारी शैलेंद्र सिंह पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं और बीती रात खनिज निदेशक ने इस आरोपों की सच्चाई भी शायद अपनी आंखों से देख ली।

तीन पट्टाधारकों के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई 

बताते हैं कि जिन खदानों पर खनिज निदेशक ने छापेमारी की उनमें खपटियाकला में पट्टाधारक अचल कुमार शर्मा व रेहंता में पट्टाधारक ओमप्रकाश रामावतार, साड़ी खादर में सिल्वर लाइन तथा अमलोर खादर में चौधरी ट्रेडर्स द्वारा खुलकर नियमों को ताक पर रखकर अवैध खनन होता मिला। बताते हैं कि आकस्मिक जांच में जो खंड देखे गए उनमें निर्धारित क्षेत्र और गहराई से ज्यादा खनन किया गया था। इन सभी पट्टाधारकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

नियम विरुद्ध जरूरत से ज्यादा खोद डाले बालू घाट 

ऐसे में डा. रोशन जैकब ने बताया है कि संबंधित पट्टाधारकों द्वारा निर्गत ईएमएस-11 से मिलान के बाद अतिरिक्त मात्रा को पर्यावरण स्वच्छता प्रमाणपत्र में दर्ज मात्रा से कम करने के बाद शेष अवधि में खनन कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। बताया कि डा. जैकब ने बांदा में अवैध खनन पर लगाम कसने के लिए तत्काल प्रभाव से गोंडा के खनन निरीक्षक राकेश कुमार को बांदा में तैनात कर दिया है। साथ ही जिलाधिकारी बांदा को निर्देश दिया है कि अवैध परिवहन में दोषी पाए गए परिवहनकर्ता का परमिट कैंसिल कर दिया जाए।

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बांदा की इन खदानों के खिलाफ कार्रवाई होगी कब..?

बताते चलें कि बांदा में चिल्ला, नरैनी, गिरवां और गंछा जैसे इलाकों में खुलेआम अवैध खनन अब भी चल रहा है लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते इनके खिलाफ कोई कोर्रवाई नहीं की जा रही है। ऐसे में आने वाले समय में खनिज निदेशक द्वारा अगर इन इलाकों में स्थित खदानों पर छापेमारी की जाए तो बड़े स्तर पर अवैध खनन पकड़ा जा सकता है। इनमें से कुछ तो बीते दिनों बिना ओटीपी के चलने के कारण चर्चा में रहीं थीं।