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73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी का ‘चीफ़ ऑफ डीफेंस स्टाफ़’ की व्यवस्था का ऐलान

समरनीति न्यूज, नई दिल्लीः देश के 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर तिरंगा फहराया। साथ ही अपने डेढ़ घंटे के भाषण के दौरान ‘चीफ़ ऑफ डीफेंस स्टाफ़’ व्यवस्था का ऐलान किया। साथ ही देश वासियों को रक्षा बंधन की शुभकामनाएं भी दीं और बाढ़ की स्थिति पर चिंता जताते हुए शहीदों को याद किया। लाल किले से दिए आज अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले कश्मीर से हटाई गई धारा-370 को लेकर जिक्र किया। कहा कि सरकार ने 70 दिन में धारा-370 को हटा दिया। साथ ही विपक्षी पार्टियों पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर धारा-370 इतनी ही अच्छी थी तो इसे स्थाई क्यों नहीं किया गया।

दो तिहाई बहुमत से हटाई धारा-370 

उन्होंने कहा कि देश ने दो तिहाई बहुमत से धारा-370 को हटाने का कानून पारित कर दिया, इससे साफ है कि हर कोई यह चाहता था। कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का सपना पूरा करना ही हमारा दायित्व है। कहा कि धारा-370 और 35 ए को हटाना सरदार पटेल के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ने अपील की, कि सभी मिलकर प्लास्टिक मुक्त भारत का निर्माण करें। इस दौरान प्रधानमंत्री ने परोक्ष रूप से आतंकवाद को लेकर पाक पर भी निशाना साधा। साथ ही अफगानिस्तान को आने वाले स्वतंत्रता दिवस के लिए बधाई भी दी।

तीनों सेनाओं का एक सेनापति  

प्रधानमंत्री ने सेना को लेकर एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं के लिए एक चीफ नियुक्त होगा। इस चीफ को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) कहा जाएगा। ये तीनों सेनाओं का सेनापति होगा। साथ ही कहा कि अब वन नेशन और वन इलेक्शन पर चर्चा जरूरी है और पूरे देश में एक साथ चुनाव होने चाहिए। प्रधानमंत्री ने ईमानदारी और पारदर्शिता पर बल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार दीमक की तरह जीवन में घुस चुका है और लोगों को आबादी को लेकर जागरूक होना जरूरी है।

छोटे परिवार वाले सच्चे देशभक्त 

कहा कि सीमित परिवार रखने वाले लोग खुद के साथ-साथ देश का भी भला करते हैं। कहा कि छोटे परिवार वाले सच्चे देशभक्त की तरह हैं। जनसंख्या विस्फोट पर ध्यान देने की जरूर है। कहा कि सरकार ने 10 हफ्तों में बड़े फैसले लिए। तीन तलाक पर कहा कि इस्लामिक देशों ने इसे लागू कर दिया, लेकिन भारत में इसे लागू करने में हिचकिचाहट थी। कहा कि जब सती प्रथा, दहेज प्रथा को खत्म कर सकते हैं तो तीन तलाक को क्यों नहीं खत्म कर सकते हैं।

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