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यूपी के इस थाने में 19 साल में दर्ज हुईं सिर्फ 2 एफआईआर, महकमा भी हैरान..

समरनीति न्यूज, डेस्कः यूपी के एटा जिले का नाम आते ही लोगों के दिमाग में एक ऐसी जगह की पिक्चर बन जाती है जहां कई बड़े डकैत हुए और आज भी आपराधिक वारदातें खूब होती हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसी एटा का एक थाना ऐसा भी है जहां बीते 19 साल में मात्र दो एफआईआर दर्ज हुईं हैं। खुद पुलिस महकमा भी इसे लेकर हैरान है कि आखिर ऐसा कैसे होता रहा कि मात्र दो ही घटनाएं हुईं। वहीं थाना पुलिस का कहना है कि अपराध हुए नहीं तो एफआईआर कैसे लिख लें। दरअसल, बात हो रही है एटा के जीआरपी थाने की।

2001 में चौकी से बना था थाना, 16 साल तक खाली रही जीडी  

बताया जाता है कि इस जीआरपी थाने की स्थापना वर्ष 2001 में हुई थी। इससे पहले वहां पुलिस चौकी हुआ करती थी। थाना बनने के बाद एक प्रभारी, एक हेड कांस्टेबल और 8 कांस्टेबल की तैनाती है। वर्ष 2016 तक थाने में रखी जीडी पूरी तरह खाली पड़ी रही, एक भी अपराध दर्ज नहीं हुआ। बाद में वर्ष 2016 में ट्रेन की बोगी में एक शव मिलने की एफआईआर दर्ज हुई। फिर 2019 में रेलवे गेटमैन के साथ मारपीट की एफआईआर दर्ज हुई। इस तरह दो एफआईआर ही लिखी गईं।

आठ छोटे-बड़े रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा की है थाने पर जिम्मेदारी  

इस थाने के अंतर्गत आठ छोटे-बड़े रेलवे स्टेशन आते हैं। यह थाना एटा और आगरा बार्डर पर पड़ने वाले अंतिम स्टेशन बरहन तक निगरानी करता है। बहरहाल जीआरपी एटा थाने के दस्तावेज तो यही बताते हैं कि थाना क्षेत्र में अबतक किसी ट्रेन में या स्टेशन पर कोई लूट, चोरी या दूसरी आपराधिक घटनाएं नहीं हुई हैं। उधर, थाना प्रभारी प्रताप सिंह की ओर से भी मीडिया द्वारा पूछे जाने पर कहा गया है कि जब क्राइम हो नहीं रहा तो मुकदमा कैसे लिखा जाए। खुद महकमा भी इसे लेकर हैरान है।

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