समरनीति न्यूज, बांदा : 45 से सीधे 54 और फिर 2 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर ठहरी सी बस अचानक 65 किमी प्रति किलो मीटर पहुंच गई। तबतक हादसा हो चुका था और टेंपो में सवार 7 लोग काल के मुंह में समा चुके थे। हम बात कर रहे हैं चिल्ला रोड पर बांदा में बीती 3 दिसंबर गुरुवार को हुए भीषण हादसे की। इस हादसे ने 7 परिवारों से उनके अपनों को छीन लिया। दो घायल आज भी जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे हैं। इस हादसे की गहराई में जाकर देखें तो पता चलता है कि जरा की लापरवाही और जल्दबाजी किस तरह 7 जिंदगियों को छीन ले गई। इस हादसे ने सभी को हिलाकर रख दिया। कई परिवारों में कोहराम मच गया।
रोडवेज बस-टेंपो टक्कर से 7 मौतों का मामला
भले ही यूपी राज्य परिवहन विभाग के अधिकारी बस चालक को निर्दोष बताने की कोशिश कर रहे हों या विभागीय भाईचारे के गणित के चलते उसे बचाना चाह रहे हों। मगर फिलहाल जो बातें सामने आ रही हैं उससे तो कम से कम यही साबित हो रहा है कि बस चालक ने ओवरटेक में जल्दबाजी की।
बस की स्पीड को लेकर आरटीओ बोले
बस की हादसे के दौरान स्पीड को लेकर आरटीओ (बांदा) एसडी सिंह का कहना है कि हादसे से ठीक पहले बस की रफ्तार 45 किमी प्रति घंटा थी। इसके बाद अचानक बढ़कर 54 किमी प्रति घंटा की हो गई। फिर कुछ ही सेकेंड में स्पीड सीधे 2 किमी प्रति घंटा हो गई। यानि हादसा हो चुका था।
संबंधित खबर पढ़े : Update News : बांदा में बस-टेंपो की टक्कर में 6 की मौत-3 घायल, CM योगी ने दुख जताया
बस पूरी तरह से टेंपो को रौंद चुकी थी। फिर एकदम से बस की रफ्तार कुछ देर में सीधे 65 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पहुंच गई। बताते हैं कि चालक ने बस को वहां से सीधे वर्कशाप में लाकर खड़ा कर दिया। खास बात यह है कि बस ने टेंपों में उल्टी दिशा में जाकर टक्कर मारी है।
बस चालक का लाइसेंस सस्पैंड हुआ
आरटीओ (बांदा) एसडी सिंह का कहना है कि बस चालक की लापवाही की बात सामने आई है। चालक का ड्राइविंग लाइसेंस जांच पूरी होने तक सस्पैंड कर दिया गया है। चालक संविदाकर्मी था। इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। डीआरएम इस मामले में जल्द ही फैसला लेंगे। मुआवजे के बारे में आरटीओ ने कहा है कि इस विषय में रोडवेज की ओर से कुछ बताया जा सकता है।
संबंधित खबर पढ़े : UP के इन DM साहब की एक तस्वीर ये भी, Social Media पर Viral..