समरनीति न्यूज, लखनऊः राजधानी में शनिवार को हुए एक बड़े घटनाक्रम में प्रियंका गांधी ने कहा कि पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और गला दबाते हुए धक्का दिया। दरअसल, शनिवार को इस बड़े सियासी घटनाक्रम की गवाह बनी राजधानी लखनऊ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को उस समय पुलिस ने जबरन रोक लिया था जब वह रिटायर्ड आईपीएस (IPS) अधिकारी एसआर दारापुरी की बीमार पत्नी से मुलाकात को जा रही थीं। बता दें कि दारापुरी को फेसबुक पर टिप्पणी करने के मामले में इस वक्त पुलिस ने जेल भेजा हुआ है।
प्रियंका गांधी की कार के आगे दूसरी गाड़ी अड़ाकर रोका
बताया जा रहा है कि ऐसे में प्रियंका को रोकने के लिए लोहिया पार्क चौराहे पर पुलिस ने उनकी कार के आगे एक अन्य कार लगा दी। काफी नोकझोंक के बाद प्रियंका कार से उतरीं और फिर एक कार्यकर्ता की स्कूटी पर बैठकर आगे निकलीं। मुश्किल से वह 400 मीटर ही दूर जा पाई होंगी कि पुलिस ने उनको फिर रोक लिया।
स्कूटी से चलीं, फिर पैदल चलकर पहुंची दारापुरी के आवास
इसके बाद प्रियंका गांधी वहां से पैदल ही आगे की ओर बढ़ गईं। हद तो तब पार हुई जब एक महिला पुलिस कर्मी ने आगे न बढ़ने देने के लिए प्रियंका के गिरेबान तक पर हाथ डाल दिया और उनके साथ धक्का-मुक्की भी कर डाली। हालांकि, प्रियंका गांधी ने आगे बढ़ना जारी रखा। वहां से वह पैदल ही मौके से 5 किमी दूर इंदिरा नगर में स्थित दारापुरी के घर को चल दीं। दरअसल, कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह के खत्म होने पर प्रमुख नेताओं से मुलाकात के बाद प्रियंका शाम करीब 5 बजे कांग्रेस पार्टी मुख्यालय से निकली थीं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और पूर्व मंत्री भी थे साथ
उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी और कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मुकेश चौहान मौजूद रहे। हालांकि, किसी को यह नहीं बताया गया था कि प्रियंका गांधी कहां जा रही हैं। पुलिस का कहना था कि सुरक्षा कारणों से प्रियंका गांधी कहां जा रही हैं यह जानना जरूरी होता है। उधर, प्रियंका गांधी ने कहा कि यह मामला ‘एसपीजी’ सुरक्षा का नहीं, बल्कि पूरी तरह से यूपी पुलिस का ही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पुलिस ने रोका है, वैसे तो हादसा भी हो सकता था।
लखनऊ पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को गलत बताया
इसके बाद प्रियंका पैदल ही फ्लाईओवर पर चढ़ते हुए आगे बढ़ीं, वहां से एक स्कूटी पर बैठकर पॉलीटेक्निक चौराहे तक पहुंची। वहां महिला पुलिस कर्मियों ने उन्हें जबरन रोक लिया। एक महिला कर्मी ने उनकी गर्दन पकड़ते हुए धक्का-मुक्की भी की। तब प्रियंका स्कूटी से उतरकर पैदल ही मुंशी पुलिया की ओर बढ़ीं। शाम लगभग 6.25 बजे प्रियंका गांधी सेवानिवृत दारापुरी के घर पहुंचीं।
ये भी पढ़ेंः पुरखों की भूमि पर पूजन कर गंगा यात्रा पर निकलीं प्रियंका गांधी ने फूंका चुनावी बिगुल..
इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में, मैं कहां जाऊं और कहां नहीं, यह सरकार तय नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की यह क्या हरकत है। कहा कि भाजपा कायरों वाले काम कर रही है। उधर, लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने प्रियंका गांधी के आरोपों को गलत बताया। कहा कि किसी तरह की धक्का-मुक्की नहीं हुई है। पुलिस ने सुरक्षा के लिए रूट जानने के लिए उनको रोका था।
यह है दारापुरी का पूरा मामला
बताया जाता है कि 77 वर्षीय एसआर दारापुरी को सीएए और एनआरसी के विरुद्ध प्रदर्शन के लिए पुलिस ने 19 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। तब से उनकी पत्नी बीमार चल रही हैं। मामले में प्रियंका गांधी का कहना है कि दारापुरी ने सिर्फ एक फेसबुक पोस्ट डालते हुए लिखा था कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ अहिंसात्मक प्रदर्शन होने चाहिए। प्रियंका ने काह कि इसके बाद उनको गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया।
ये भी पढ़ेंः प्रियंका गांधी ने कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी पर पूछा सवाल, क्या अब भी बचा है लोकतंत्र..