समरनीति न्यूज, बांदा : जिले में एक नाबालिग दलित बालिका से रेप का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इतनी सख्ती के बावजूद बांदा पुलिस ने राजनैतिक दवाब में नाबालिग से रेप की घटना की एफआईआर लिखने में 12 दिन लगा दिए। 31 अगस्त की रात की घटना की एफआईआर 12 सितंबर को तब लिखी गई, जब इसमें ऊपरी स्तर से जवाब-तलब हुआ। हालांकि, मामला ऊपर तक पहुंचने के बाद पुलिस ने आरोपी को 17 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामला जिले में चर्चा का विषय बना है।
अतर्रा के महोतरा गांव का मामला
बताया जाता है कि अतर्रा थाना क्षेत्र के महोतरा गांव के रहने वाले एक दलित व्यक्ति के अतर्रा थाना में रिपोर्ट लिखाई है कि गांव के ही उसके पड़ोसी केदार नाथ द्विवेदी के पुत्र पंकज द्विवेदी ने उसकी बेटी को 31 अगस्त की रात करीब 8 बजे घर के पास कंडे (उपले) उठाते वक्त दबोच लिया। इसके बाद उसे जबरन अपने घर में खींच ले गया। पीड़ित पिता का कहना है कि नाबालिग बेटी किसी तरह घर पहुंची और उसने सारी बात बताई।
ये भी पढ़ें : Update : बड़ी खबर : बांदा में कानपुर के युवक की सड़क हादसे में मौत, साथी हुए फरार
पिता के उलाहना देने पर आरोपी युवक ने उसे जानमाल की धमकी देते हुए जातिसूचक शब्द कहे। कहा कि अभी और ऐसा ही करेंगे। आरोप है कि जब उसने इसकी शिकायत करते हुए अतर्रा पुलिस से एफआईआर लिखने को कहा तो उसे टरका दिया गया।
12 दिन तक टरकाती रही पुलिस
राजनीतिक दवाब में पुलिस 12 दिन तक पीड़ित पिता को टरकाती रही। इसके बाद कुछ समाजसेवियों ने इसकी शिकायत ऊपर स्तर तक पहुंचाई। लखनऊ तक मामला पहुंचने के बाद आनन-फानन अतर्रा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।
इसके बाद 17 सितंबर को आरोपी गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। तबतक पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी थी। हाल ही में अतर्रा का कार्यभार संभालने वाले नवागुत इंस्पेक्टर अखिलेश मिश्रा ने बताया कि पीड़ित लड़की नाबालिग है, इसलिए पास्को एक्ट लगाया जा रहा है। उधर, तत्कालीन इंस्पेक्टर का गैरजनपद तबादले को इसी मामले में दंडनात्मक कार्रवाई के तौर पर बताया जा रहा है।
ये भी पढ़ें : हमीरपुर में पुरानी दुश्मनी में छात्र की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या