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सूरत में गैरकानूनी ढंग से बनाया गया फाइवर फ्लोर बना 20 छात्रों की मौत की वजह

सूरत में अग्निकांड के बाद आग बुझाती गाड़ियां। (फाइल फोटो)

समरनीति न्यूज, डेस्कः सूरत (गुजरात) के सरथाना में तक्षशिला आर्केड बिल्डिंग में हुई 20 छात्रों की मौत की वजह गैरकानूनी तरीके से बनाया गया फाइबर का फ्लोर बना। दरअसल, फाइवर में आग लगने के बाद उसे काबू में करना मुश्किल हो गया और फिर भायनक हादसे में 20 छात्रों की जान चली गई। हांलाकि पुलिस ने इस मामले में सरथाना थाने में दोषियों के खिलाफ आईपीसी की धारा-304 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इतना ही नहीं मामले की जांच सूरत क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है।

कोचिंग संचालक समेत 3 हिरासत में  

सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा का कहना है कि इस हादसे में 20 छात्रों की जान चली गई है। वहीं इतने ही लोग बुरी तरह से झुलसे भी हैं। बताया कि मामले में 3 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है। कोचिंग संचालक समेत 2 को पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है। इतना ही नहीं प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए इस तरह अवैध ढंग से चलने वाले कोचिंग पर रोक लगा दी है। अब ऐसी कोचिंग चलाने के लिए फायर विभाग की एनओसी जरूरी होगी।

यह है भीषण अनहोनी की पूरी दास्तां  

सूरत के सरथना इलाके में तक्षशिला कांप्लेक्स की तीसरी-चौथी मंजिल पर दोपहर शुक्रवार दोपहर आग लग गई थी। इस बिल्डिंग में कई कोचिंग सेंटर चलते हैं। साथ ही कई दुकानें भी हैं। बताते हैं कि जिस समय यह हादसा हुआ उस वक्त इमारत में 50 से ज्यादा छात्र-छात्राएं और शिक्षक वहां मौजूद थे। अचानक नीचे गैलरी में लगी तेज आग की लपटें फैलने से कई छात्रों ने जान बचाने को घबराहट में उपरी मंजिलों से छलांग लगा दी थी। इस दौरान करीब 20 छात्रों की मौत हो गई।

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बताते चलें कि सूरत पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए लिखा है कि कॉम्प्लेक्स बनाने वाले बिल्डर जिग्नेश और हर्षल वेकारिया तथा कोचिंग संचालक भार्गव भूटानी इस मामले में आरोपी हैं। बताया जाता है कि ज्यादातर छात्रों की मौत बिल्डिंग से कूदने या दम घुटने की वजह से हुई है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही मृतक छात्रों के परिजनों को 4-4 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की है। साथ ही ऐसी कोचिंग पर रोक लगाने की बात कही है।