समरनीति न्यूज, बांदाः बांदा से रोडवेज बस लेकर लखनऊ के लिए रवाना हुए संविदा चालक की हार्ट अटैक से मौत हो गई। तिंदवारी स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया था। जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि चालक रामबाबू को महोखर गांव के पास हार्ट अटैक पड़ा। उस वक्त बस चल रही थी और सीने में तेज दर्द ने अनहोनि का संकेत दे दिया था। फिर भी चालक रामबाबू ने अपना फर्ज निभाते हुए किसी तरह बस पर नियंत्रण बनाए रखा। बस चलाते हुए वह किसी तरह वहां से 10 किमी दूर तिंदवारी कस्बा तक पहुंचे। इस बीच अगर चालक हार्टअटैक की स्थिति में बस से नियंत्रण खो देते तो दर्जनों यात्रियों की जान पर बन सकती थी।
एआरएम ने दिया मुआवजा का भरोसा
तिंदवारी में बस को रोकने के बाद उनको अस्पताल ले जाया गया। वहां से बांदा रेफर कर दिया गया। बताया जाता है कि पैलानी क्षेत्र के नरी गांव में रहने वाले रामबाबू (40) पुत्र प्रताप रोडवेज में संविदा चालक के तौर पर कार्यरत थे। वह सोमवार सुबह रोडवेज बस लेकर लखनऊ जा रहे थे। इसी दौरान महोखर गांव के पास उनके सीने में तेज दर्द हुआ। फिर भी वह किसी तरह तिंदवारी कस्बे तक बस लेकर पहुंचे।
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वहां बस के कंडक्टर व अन्य लोगों ने उनको स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। वहां से चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। उनको जिला अस्पताल लाया जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में उनकी मौत हो गई। जानकारी मिलने पर एआरएम परमानंद जिला अस्पताल पहुंचे। एआरएम का कहना है कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा परिवहन निगम की ओर से दिलवाया जाएगा। चालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो छोटे बेटे और दो छोटी बेटियां हैं।
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