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बाराबंकी में जहरीली शराब से 16 मौतों के बावजूद बांदा में मिलावटी शराब की बेरोक-टोक बिक्री..

बाराबंकी में जहरीली शराब पीने से गंभीर व्यक्ति अस्पताल में इलाज के दौरान।

समरनीति न्यूज, बांदाः मंगलवार को जहरीली शराब से राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी में 16 लोगों की मौत ने एक बार फिर मिलावट के इस गौरखधंधे में सरकारी मिलीभगत की पोल खोल दी। ऐसे में चिंता की बात यह है कि सूत्र बताते हैं कि बुंदेलखंड के बांदा जिले में मिलावटी शराब खुलेआम बिक रही है। प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है और सूत्रों की माने तो आबकारी विभाग के अधिकारी वस्तु स्थिति को जानकर भी नजरअंदाज कर रहे हैं। ऐसे में मिलावट से बनी जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की जान पर बन सकती है। इसकी बड़ी वजह शहरी क्षेत्र की देशी शराब की दुकान चलाने वाले लोगों द्वारा कम समय में मोटी आमदनी का लालच है।

चूहे मार दवा और स्प्रिंट की होती है मिलावट  

बताते चलें कि मंगलवार को बाराबंकी में जहरीली शराब से एक ही परिवार के चार लोगों समेत कुल 16 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में पिता-पुत्र के अलावा दो पोते भी शामिल हैं। हर घटना का दुखद पहलू यह है कि चार लोगों की मौत के बाद परिवार में मृतकों के शव उठाने वाला भी कोई नहीं बचा है। ऐसे में अगर हम बुंदेलखंड के मंडल मुख्यालय बांदा की बात करें तो सूत्र बताते हैं कि यहां शहरी क्षेत्र में खुलेआम मिलावटी शराब की बिक्री आम बात हो चली है।

प्रतिकात्मक फोटो।

सूत्रों की मानें तो कुछ माफिया शराब में स्प्रिट या चूहा मारने की दवा मिलाकर नकली, मिलावटी शराब बनाते हैं। बाद में इसकी देशी शराब की दुकानों से बिक्री की जाती है। पैकिंग और नाम इस तरह से दर्ज होता है कि लोग पहचान नहीं पाते कि शराब मिलावटी है या असली। ऐसे में मिलावटी जहरीली चीजों की मात्रा अधिक हो जाने कारण इसे पीने वालों को अपनी जान देकर कीमत चुकानी पड़ती है।

फरवरी में यूपी-उतराखंड में हुईं थीं जहरीली शराब से 112 मौतें 

बहरहाल, नियम अपनी जगह पर हैं नियम तो बाराबंकी जिले में भी लागू होंगे और इससे पहले फरवरी माह में यूपी और उत्तरांचल में हुईं जहरीली शराब से 112 मौतों वाली जगहों पर भी आबकारी नियम लागू होंगे। लेकिन फिर भी वहां लोगों को जहरीली शराब का शिकार होना पड़ा।

प्रतिकात्मक फोटो।

अब बांदा में यही हालत पनप रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि लगातार मीडिया में सुर्खियां बनने के बावजूद न तो प्रशासन की ओर से मिलावट करने वाले देशी ठेकों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और न ही पुलिस या आबकारी विभाग के अधिकारी सक्रिय नजर आ रहे हैं। आज मुख्यमंत्री के आदेश पर बाराबंकी के जिला आबकारी अधिकारी शिव नारायण दुबे, आबकारी प्रभारी राम तीरथ मौर्य के साथ तीन मुख्य आरक्षी और 5 सिपाही निलंबित हुए हैं। कोतवाली और सीओ भी निलंबित हुए हैं। दुकानदारों पर भी कार्रवाई हुई है। ऐसे में हो सकता है कि विभाग अब औपचारिक रूप से कुछ चेकिंग वगैरह करे। हांलाकि मंगलवार देर शाम तक विभाग की ओर से किसी कार्रवाई की कोई जानकारी नहीं मिली है।

प्रतिकात्मक फोटो।

बांदा में कहीं मिलावटी तो कहीं ज्यादा कीमतों पर बिक्री

जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों व पुलिस कर्मियों ने कोई सबक नहीं लिया। चौंकाने वाली बात यह है कि सबसे ज्यादा 55 मौतें यूपी के सहारनपुर में हुईं थीं। स्वास्थ विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि कुशीनगर जिले में 10 और मेरठ जिले में 18 तथा उत्तराखंड के रुड़की में 32 लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गई थी।

क्या कहते हैं बांदा के जिला आबकारी अधिकारी  

इस मामले में जब जिला आबकारी अधिकारी (बांदा) संतोष कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिले की सभी दुकानों पर बराबर नजर रखी जाती है। दुकानें समय से खुलती हैं और नियमों के तहत ही उनका आवंटन हुआ है। रोडवेज, स्टेशन और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर नियमतः दूरी पर दुकानें आवंटित हैं। उन्होंने बताया कि सभी अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं, जल्द ही चेकिंग अभियान चलाया जाएगा। बताया कि नगर पालिका क्षेत्रों में धार्मिक स्थलों से 75 मीटर की दूरी पर दुकानें आवंटिक की जा सकती हैं। बताया है कि कि बुधवार से बांदा में देशी शराब की दुकानों की चेकिंग कराई जाएगी।

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