समनीति न्यूज, बांदाः अभी 24 घंटे पहले ही लखनऊ की एंटी करप्शन टीम ने बांदा में छापा मारकर थाने के पास सड़क पर अवैध वसूली के बैरियर से आठ लोगों को पकड़ा। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में ओवरलोडिंग का सिंडीकेट कितना हावी है और कितना दुस्साहसी भी। इस सिंडीकेट में शामिल माफियाओं को न सरकार का डर है और न ही पुलिस का। हालांकि, यह कहना गलत होगा कि बिना बड़ी शह के यह सब हो रहा था। दरअसल, जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद जिले में ओवरलोडिंग पर लगाम नहीं लग पा रही है। कुछ खदान संचालकों पर प्रशासन की सख्ती भी बेअसर साबित हो रही है। वहीं दूसरी ओर ओवरलोडिंग आए दिन हादसे का कारण बन रही है। ऐसे में काल बनकर दौड़ते ओवरलोड बालू ट्रक लोगों की जान ले रहे हैं।
इन खदानों पर हालात बदतर, ओवरलोडिंग आम बात
जिले की बालू खदानों पर अवैध खनन यानि नियम विरुद्ध मशीनों से खुदाई इस वक्त तेज हो गई है। इसकी वजह बारिश में खदाने बंद होने वाली हैं और खनन कारोबारी नियम ताक पर रखकर कम दिनों में करोड़ों का वारा-न्यारा करना चाहते हैं। जिले में पथरी, जौहरपुर, सादी मदनपुर, सोना भूरेड़ी खदान पर हालात बद से बदतर हो चुके हैं।
इन खदानों पर काम करने वाले मजदूरों की जिंदगी भी खतरे में है, क्योंकि खदान संचालक ज्यादा से ज्यादा कमा लेने के चक्कर में अंधाधुंध रात दिन खनन कराने में जुटे हैं। ऐसे में कब कोई हादसा या अनहोनि हो जाए, कहा नहीं जा सकता। माफियाओं के आगे सरकार के वे आदेश भी लागू नहीं हो पा रहे हैं जिनमें ओवरलोडिंग पर लगाम कसने की बात कही गई है।
सरकार के ओवरलोड रोकने के आदेश बेअसर
यही वजह है कि सरकार की साख पर भी बट्टा लग रहा है। इस सच्चाई से रूबरू होना है तो बांदा शहर के कालूकुआं पुलिस चौकी चौराहा या बाईपास चौराहा या फिर अतर्रा चुंगी चौराहा पर खड़े हो जाइये। यहां बालू खनन की ओवरलोड गाड़ियां आपको आसानी से पुलिस चौकियों के सामने से गुजरती दिखाई दे जाएंगी। अवैध वसूली का आलम यह है कि खदान से लेकर सड़कों पर बैरियर लगाकर अवैध वसूली की जा रही है।
गुरुवार की कार्रवाई ने उठाए कई तरह के सवाल
गुरुवार को खुद एंटीकरप्शन की टीम ने छापा मारकर आठ लोगों को पकड़ा है। राजधानी लखनऊ में बैठे अधिकारी लगातार इसपर लगाम कसने में जुटे हैं, लेकिन थानों और चौकियों के सामने से खदान से ओवरलोड आने वाले बालू के ट्रक आसानी से पास हो जाते हैं। बताते चलें कि हाल ही में बांदा के जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने खुद बालू खदानों पर पहुंचकर छापेमारी की। कुछ खदानों से जेसीबी मशीनें भी पकड़ीं। कुछ पर जुर्माना भी लगाया। एक-दो दिन ठीक रहा, लेकिन फिर वहीं गड़बड़झाला शुरू हो गया।
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