समरनीति न्यूज, बांदा : जिले में खनिज तहबाजारी के नाम पर खुलेआम लूट मची है। वाहनों चालकों को 200 की रसीद देकर 300 से 500 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। सवाल करने पर जवाब मिलता है कि ‘क्या करें उपर तक जाता है।’ दरअसल, जिला पंचायत से खनिज तहबाजारी का ठेका होता है। लाटरी से होने वाले इस ठेके की अलग ही कहानी है, जो काफी रौचक है। ये ऐसा धंधा है जिसमें एक से बढ़कर एक धुरंधर जुड़े हैं। शायद ही कोई राजनीतिक दल ऐसा हो, जिसके रसूखदार इसमें शामिल न हों। ऐसे लोग व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए अपने राजनीतिक सिद्धांतों की बलि चढ़ा रहे हैं।
रातों-रात करोड़ों का हो रहा खेल
बहरहाल, इसपर अगली खबर पर चर्चा करेंगे। फिलहाल, मुख्य बिंदु तहबाजारी के नाम पर रसीद से दुगनी-तिगुनी रकम वसूली के गड़बड़ झाले की बात पर आते हैं। जिला पंचायत के इस ठेके खनिज तहबाजारी के नाम पर रातों-रात करोड़ों का खेल हो रहा है। राजनीतिक पहुंच और रसूकदारों के चलते साइलेंट जोन में चल रहे इस धंधे में करोड़ों का वारा-न्यारा हो रहा है। इसकी पहुंच सचमुच काफी ऊपर तक है। हाल ही में खनिज वसूली का एक बैरियर चिल्ला थाने से चंद कदमों की दूरी पर पकड़ा गया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और जांच करते हुए कार्रवाई भी की। इसके बावजूद खनिज तहबाजारी के नाम पर अवैध वसूली बंद नहीं हो रही। उधर, इस मामले में खनिज अधिकारी से बात करने के लिए काॅल की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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