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भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बने स्वतंत्र देव सिंह, जानिए इनके बारे में खास बातें..

भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह।

समरनीति न्यूज, लखनऊः यूपी के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। मंगलवार को बीजेपी की ओर से इसकी घोषणा कर दी गई है। इसके साथ ही गृहमंत्री एवं पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की जगह जेपी नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रादेशिक संगठन में भी फेरबदल शुरू हो चुका है। बताते चलें कि परिवहन मंत्री रहे स्वतंत्र देव को संगठन स्तर पर काम करने वाले जमीनी नेता के रूप में देखा जाता है। दरअसल, स्वतंत्र देव पिछड़ा वर्ग से आते हैं और वह संघ से लंबे समय से जुड़े रहे हैं। यही वजह है कि संघ के आम कार्यकर्ता से अपना सफर शुरू करने वाले स्वतंत्र देव ने सीढ़ी दर सीढ़ी एक मुकाम हासिल किया है। पार्टी के लिए एक माहौल भी बनाया है।

मिर्जापुर है मूल घर, बुंदेलखंड कर्मभूमि  

पिछड़े वर्ग से आने वाले स्वतंत्र देव सिंह का जन्म 13 फरवरी 1964 को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में हुआ है। हालांकि उनकी कर्मभूमि जालौन रही है और खास बात यह है कि उनकी ससुराल झांसी में है। जालौन से जुड़ाव के बारे में बताया जाता है कि भाजपा अध्यक्ष के भाई पुलिस में नौकरी करते थे और उनके (भाई के) 1984 में हुए जालौन तबादले के दौरान ही स्वतंत्र देव उनके साथ जालौन पहुंचे थे। फिर 1985 में उन्होंने स्नातक में जालौन में दाखिला लिया। फिर वहीं छात्र जीवन गुजारा।

पहले थे  ‘कांग्रेस’ फिर हुए  ‘स्वतंत्र ‘ 

बहुत कम लोग जानते होंगे कि स्वतंत्र देव सिंह का नाम पहले कांग्रेस सिंह था लेकिन बाद में संघ के संपर्क में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर स्वतंत्र देव सिंह कर लिया। इतना ही नहीं कुछ लोग कहते हैं कि स्वतंत्र भारत अखबार में काम करने के कारण उनके नाम में इसका असर दिखाई देता है लेकिन यह भी सच है कि इसी नाम से उनको एक नई पहचान मिली। इसके बाद उनको पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी।

पूर्व में कर चुके हैं पत्रकारिता भी  

खास बात यह भी है कि पहले कैबिनेट मंत्री और अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए स्वतंत्र देव सिंह पहले पत्रकारिता भी करते रहे हैं। 1989-90 में वह स्वतंत्र भारत अखबार से जुड़े रहे। बुंदेलखंड के उरई में स्वतंत्र देव इस अखबार के संवाददाता हुआ करते थे। शुरू से ही जमीनी नेता रहे स्वतंत्र देव के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष के साथ खुद को साबित करते हुए यह मुकाम हासिल किया है। वह एक जमीनी नेता हैं और संगठन चलाने और बनाने में माहिर कहे जाते हैं।

भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह।

पार्टी को हो सकते हैं यह फायदे  

भाजपा ने बड़ा बदलाव किया है। यूपी के साथ ही महाराष्ट्र और मुंबई के अध्यक्ष को भी बदला है लेकिन यूपी का बदलाव काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि इसके कयास लोकसभा चुनाव से ही लगाए जा रहे थे कि यूपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे को बदला जाएगा। स्वतंत्र देव को पार्टी ने यूपी का अध्यक्ष बनाकर एक तीर से कई निशाने साधे हैं। जैसे अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल के कुर्मी वोटों में सेंधमारी और दूसरा पूर्वांचल को साधने की तैयारी।

तब जब्त हो गई थी जमानत

बताते हैं कि 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा से उरई की कालपी सीट से चुनाव लड़ने वाले स्वतंत्र देव की जमानत जब्त हो गई थी। हालांकि इसके बाद भी पार्टी में उनकी पकड़ कमजोर नहीं हुई, बल्कि उनको भाजपा ने एमएलसी बनाया। बताते हैं कि 2004 से 2014 तक स्वतंत्र देव दो बार भाजपा प्रदेश महामंत्री रहे। वहीं 2010 में प्रदेश उपाध्यक्ष भी बने।

2014 के चुनाव ने बदले समीकरण

जानकार बताते हैं कि वर्ष 2014 के आम चुनाव में स्वतंत्र देव को भाजपा ने यूपी में होने वाली रैलियों पूरी कमान सौंपी थी। इतना ही नहीं बुंदेलखंड में ज्यादातर टिकट उनकी सलाह पर ही दिए गए। ऐसे में जब भाजपा ने सभी सीटें जीतीं तो स्वभाविकतौर पर उनका कद बढ़ गया। इसके बाद ही वह पीएम मोदी और अमित शाह के नजदीक आ गए।

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