..न इलाज मिला और न एंबुलेंस, तमाशबीनों के बीच से बैलगाड़ी पर निकली गरीब किसान की अंतिम यात्रा
समरनीति न्यूज, बांदाः गरीब की लाचार जिंदगी से जुड़ीं तमाम तंगहालियां न उसे इज्जत से जीने देती हैं और न मरने। रही बात सरकार और सहूलियतों की तो न जिंदा रहते काम आती हैं और न मरने के बाद। गरीबों की जिंदगी की इस कड़वी सच्चाई में रूबरू होना चाहें तो बस बुंदेलखंड चले आइये। यहां गरीब और किसान किस तरह तिल-तिलकर मरते हैं, हकीकत आपको करीब से देखने को मिलेगी।
इलाज कराने पहुंचे किसान ने तोड़ा दम, शव के पास तमाशबीन बने रहे लोग
ऐसा ही एक घटनाक्रम मंगलवार को बुंदेलखंड में बांदा जिले के ओरन कस्बे में घटित हुआ। जहां बदौसा के ओरहवन गांव का रहने वाला एक गरीब किसान आशाराम (65) बीमारी का इलाज कराने ओरन कस्बा आया था।
किसान के साथ उनका बेटा विनोद भी था। इससे पहले ही गरीब किसान को इलाज मिल पाता, वह बबेरू रोड पर पुरानी पुलिस चौकी के पास अचानक गश खाकर गिर पड़े। मुंह से खून बहने लगा और तड़पते हुए कुछ देर...