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पुलिस विभाग में इतिहास बनी 70 साल पुरानी थ्री नॉट थ्री राइफल, अब इंसास-एसएलआर मिलीं

Three not three rifles

समरनीति न्यूज, लखनऊः दूसरे विश्व युद्ध की सबसे अत्याधुनिक राइफल और यूपी पुलिस का लगभग 70 साल पुराना सबसे भरोसेमंद हथियार थ्री नॅाट थ्री राइफल शुक्रवार से महकमे के लिए इतिहास बन गई। शासन द्वारा इसके प्रयोग पर पाबंदी के बाद यूपी के सभी थानों के पुलिस कर्मियों को अत्याधुनिक राइफल इंसास और एसएलआर यानि सेल्फ लोडिंग राइफल (SLR) सौंपी गई हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा है कि सूबे की कानून-व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कुल 63 हजार इंसास राइफलें और 23 हजार एसएलआर राइफलें (SLR) पुलिस थानों को पहले ही दी जा चुकी हैं।

प्रयोग करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी पुलिस कर्मियों को निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे अब थ्री नाट थ्री राइफलों का कतई प्रयोग न करें। साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर किसी थाने पर थ्री नॅाट थ्री राइफल का इस्तेमाल होता मिला तो संबंधित थाने के जिम्मेदार व जिले की पुलिस लाइन के आरआई के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। यह भी बताया जा रहा है कि सिपाही भर्ती प्रक्रिया को देखते हुए 8 हजार इंसास राइफलें रिजर्व में हैं और साथ ही 8 हजार इंसास राइफलों के साथ-साथ 10 हजार 9 एमएम पिस्टल (9mm) खरीदने का प्रस्ताव भी शासन के पास है।

मामूली हथियार नहीं थी ‘थ्री नॉट थ्री राइफल’

जानकार बताते हैं कि थ्री नॅाट थ्री पुरानी भले ही समय के साथ पुरानी हो गई हो, लेकिन इसकी मारक क्षमता लगभग 2 किमी थी। बताया जाता है कि पुलिस को यह राइफल 1945 में मिली थी। इससे पहले यूपी पुलिस मस्कट राइफल-410 रखती थी। इसके बाद 80 के दशक में एसएलआर (SLR) राइफलें पुलिस को मिलीं। फिर इंसास भी मिलने लगीं। पुलिस की बदलती जरूरतों और उसको ज्यादा अत्याधुनिक बनाने के लिए अब शासन ने 70 साल पुरानी थ्री नॅाट थ्री राइफलों को हटाने का फैसला लिया है। बताते हैं कि इन राइफलों को जिलों की पुलिस लाइन में जमा कराने के बाद शस्त्र फैक्ट्री में नष्ट किया जाएगा।

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