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पोस्टर मामलाः यूपी सरकार को सुप्रीमकोर्ट से राहत नहीं

Supreme Court verdict, disputed land to Hindus, second land to mosque

समरनीति न्यूज, लखनऊः सीएए यानि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा मामले में आरोपियों के पोस्टर व फोटो होर्डिंग्स चिपकाने के मामले में सुप्रीमकोर्ट से यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को कोई राहत नहीं मिली है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी थी। आज गुरुवार को इस मामले में सुप्रीमकोर्ट की न्यायमूर्ति यूयू ललित और अनिरुद्ध बोस की अवकाश कालीन पीठ ने इस मामले में सुनवाई की।

तीन जजों वाली पीठ के पास भेजा मामला, स्टे नहीं

अब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने विचार को तीन जजों की पीठ के पास भेजा है। हालांकि, फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई है।

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मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अबतक ऐसा कोई कानून नहीं है जिसके तहत कथित उपद्रवियों के पोस्टर या फोटोज को होर्डिंग्स पर लगवाया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को तीन जजों की बेंच के पास सुनवाई के लिए भेज दिया है, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई है। वहीं सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की ओर से कोर्ट में दलील दी गई है कि प्रदर्शनकारी खुले में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे थे। मीडिया ने उनका वीडियो बनाया और सभी ने वीडियो को देखा भी है। ऐसे में उनकी निजता का उल्लंघन नहीं हुआ है।

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