समरनीति न्यूज, लखनऊः कोरोना संकट से दो-दो हाथ कर रही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोटा में फंसे लगभग 8 हजार छात्र-छात्राओं को वहां से वापस यूपी लाकर उनके घर पहुंचाया। काम अच्छा था, इसलिए विपक्ष सीधेतौर पर बुराई नहीं कर सका तो सरकार को घेरने के लिए मजदूरों को भी वापस लाने की मांग उठानी शुरू कर दी। विपक्ष का इरादा सरकार की मुसीबत बढ़ाने का था, क्यों कि लाखों मजदूरों को कोरोना संकट के बीच वापस लाने का काम इतना आसान नहीं है। इसमें कई व्यवहारिक दिक्कतें थीं। खासकर कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने का डर भी है।
दूसरे प्रदेशों से मजदूरों को लाएगी सरकार
इसी बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को ऐसा जवाब दिया कि सबकी बोलती बंद हो गई। यहां तक कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी योगी सरकार को साधुवाद दिया।
सीएम ने ऐसा फैसला किया कि अच्छे-अच्छों की बोलती बंद हो गई। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि उनकी सरकार दूसरे प्रदेशों में फेंसे यूपी के करीब 10 लाख मजदूरों को वापस लाएगी।
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इनमें वे मजदूर शामिल होंगे जिन्होंने क्वारंटाइन अवधि 14 दिन पूरे कर लिए हैं। इतना ही नहीं शनिवार शाम को अपने आवास पर अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने इसके लिए कार्ययोजना बनाने के भी निर्देश दे दिया हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे मजदूरों की राज्यवार सूची तैयार की जाए। साथ ही इन मजदूरों को वापस लाने के लिए एक चरणबद्ध योजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ऐसे मजदूरों को अब उनके घर पहुंचाएंगे।
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