Friday, April 26सही समय पर सच्ची खबर...

दुनिया से जाते-जाते सबको रूला गया दुलारा “बटालिक”

दुधुआ पार्क के बटालिक हाथी की फाइल फोटो।

बीमारी से हुई मौत के बाद दुधुआ पार्क में शोक की लहर, 2 साल पहले हो चुकी मां पुष्पाकली की भी मौत 

समरनीति न्यूज, लखीमपुर खीरीः दुधवा नेशनल पार्क के 20 वर्षीय युवा हाथी बटालिक की शनिवार को मौत हो गई। पार्क के निदेशक रमेश पांडे ने इसकी पुष्टि की है। इस खबर ने सभी को झंकझोर कर रख दिया है। निदेशक पांडे ने बताया है कि शुक्रवार शाम को हाथी बटालिक की मौत हुई है। बताया जाता है कि बटालिक की लीवर, किडनी व डिहाइट्रेशन के चलते मौत हुई है। बटालिक मदमस्त हो चला था। इस वजह से उसके कान के पीछे की एक ग्रंथि से स्राव शुरू हो गया था।

कारगिल युद्ध में बटालिक पहाड़ी पर फतेह हासिल करने वाले दिन हुआ था जन्म, इसलिए नाम पड़ा बटालिक  

बताते हैं कि कारगिल युद्ध के दौरान जिस दिन भारतीय सेना ने बटालिक पहाड़ी फतेह की थी। ठीक उसी दिन बटालिक का जन्म हुआ था। इसीलिए उसका नाम बटालिक रख दिया गया था। बटालिक की मां पुष्पाकली की मौत दो साल पहले हुई थी जब उनकी उम्र 86 साल थी और बटालिक की 18 साल। मां की मौत के बाद बटालिक को सामान्य होने में काफी समय लगा था लेकिन अब वह ठीक था।

मां पुष्पाकली की मौत के बाद काफी दिन सदमे में रहा था बटालिक, उसे सामान्य होने में लगा था काफी समय 

इस समय बटालिक जंगल में रहने की पूरी ट्रेनिंग हासिल कर चुका था और जानवरों और इंसानों के बीच होने वाले संघर्ष में बहुत काम आता था। आने वाले समय में दुधुवा के अधिकारियों को उसके द्वारा शानदार भूमिका निभाने की उम्मीद थी। लेकिन इससे पहले ही अनहोनी हो गई। बताते हैं कि इधर कुछ दिनों से बटालिक मदमस्त हो गया था। उसका बर्ताव भी हिंसक हो गया था। उसका इलाज लखनऊ चिड़ियाघर के चिकित्सक की देखरेख में चल रहा था।