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बुंदेलखंडः बैठने को ऊंची कुर्सी न मिलने से आहत विधायक ने एसपी के खिलाफ खोला मोर्चा, सीएम को चिट्ठी भेज हटाने की मांग

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विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र की कापी।

समरनीति न्यूज, बांदाः वर्षों बाद बुंदेलखंड में सभी सात विधानसभा सीटों पर जोरदार ढंग से इंट्री करने वाली भाजपा के विधायक भले ही यहां की आम जनता के दिलो-दिमाग में अपनी कोई प्रभावशाली या लोकप्रिय छवि न बना पा रहे हों। लेकिन असल कार्यों से परे सरकारी अफसरों से इन माननीयों की खींचतान और खनन में जरूरत से ज्यादा दिलचस्पी की खबरें बुंदेलखंड के राजनीति गलियारों में खूब सुर्खियां बटोर रही हैं।  

विधायक ने लगाया समन्व्य समिति की बैठक में एसपी पर प्रोटोकाल के अनुसार तवज्जों न देने का आरोप

मामला बांदा की तिंदवारी विधानसभा के विधायक ब्रजेश प्रजापति और एसपी शालिनी के बीच तनातनी का सामने आया है। शुक्रवार से सोशल मीडिया पर विधायक का सीएम को लिखा शिकायती पत्र खूब वायरल हो रहा है जिसमें मुख्यमंत्री से एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। तिंदवारी विधानसभा के विधायक ब्रजेश प्रजापति का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजा गया पुलिस अधीक्षक शालिनी की शिकायत वाला पत्र सोशलमीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। दरअसल, तिंदवारी विधायक ब्रेजश प्रजापति ने सीएम योगी को पत्र भेजकर शिकायत की है कि बांदा की एसपी शालिनी ने बीती 23 जून को समन्व्य समिति की एक बैठक बुलाई थी जिसमें जिलाधिकारी बांदा दिव्य प्रकाश गिरी भी मौजूद थे।

ब्रजेश प्रजापति, तिंदवारी विधायक।

विधायक बोले, डीएम-एसपी ने खुद के लिए ऊंची वीआईपी कुर्सियां लगवाईं और उनको साइड में कतार में पड़ी आम कुर्सी पर बैठाया  

विधायक का कहना है कि उनको इस बैठक में एक एमएलए को मिलने वाला प्रोटोकाल नहीं मिला।  और न ही जनप्रतिनिधि वाला आदर-सम्मान। पुलिस लाइन्स के सभागार में आयोजित होने वाली इस बैठक में एसपी-डीएम के लिए दो उंची कुर्सियां डाली गईं। दोनों बीच में थीं जैसे अधिकारी ही अध्यक्षता करेंगे।

जबकि उनके (विधायक तिंदवारी) लिए साइड में आम लोगों के साथ कुर्सी की व्यवस्था की गई थी। इतना ही नहीं विधायक प्रजापति का कहना है कि मीटिंग के बाद जब वह सभागार से बाहर निकले तो एसपी शालिनी ने उनको गाड़ी तक छोड़ने आना तो दूर की बात, कुर्सी से खड़े होकर उनका अभिवादन तक नहीं किया।

शालिनी, पुलिस अधीक्षक (बांदा)

आरोप लगाया कि एसपी निर्धारित समय से 40 मिनट देरी से पहुंचीं, मुख्यमंत्री से सख्त कार्रवाई की मांग की  

विधायक तिंदवारी ने बांदा एसपी के इस व्यवहार की निंदा की और मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बांदा एसपी के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है। इतना ही नहीं विधायक ने सीएम को भेजे पत्र में लिखा है कि एक एमएलए का प्रोटोकाल प्रमुख सचिव (गृह) व डीजीपी से बड़ा होता है। इसके बावजूद उनके साथ प्रोटोकाल के अनुसार बर्ताब नहीं किया गया।

इतना ही नहीं इस बैठक में खुद एसपी शालिनी निर्धारित समय 5 बजे की बजाये 40 मिनट की देरी से पहुंची। जिसकी वजह से बाकी लोग और खुद जनप्रतिनिधि उनका इतंजार करते रहे। विधायक में पत्र में सीएम योगी को लिखा है कि अगर डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह के साथ एसपी शालिनी इसी तरह का व्यवहार करती हैं तो उनको कोई शिकायत नहीं है, वरना एसपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। फिलहाल बुंदेलखंड में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। उधर, इस संबंध में पुलिस अधीक्षक बांदा से बात करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका है।

पहले भी अफसरों पर जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के लगते रहे हैं आरोप 

इससे पहले भी जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने के आरोप अधिकारियों पर लगते रहे हैं। प्रदेश में दूसरी जगहों पर कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिसपर खुद सीएम योगी अधिकारियों की क्लास भी ले चुके हैं लेकिन इसके बाद भी शिकायतें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।