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Banda Latest Update : खदान पर 3 मजदूरों की मौत का मामला : न कोई FIR, न खनिज के दोषी अफसरों पर कार्रवाई, 10-10 लाख में सब माफ.!

Banda latest update : case settled at 10-10 lakhs at 3 am case of death 3 laborers at sand mine

समरनीति न्यूज, ब्यूरो : पैलानी खदान पर नियम विरुद्ध खनन की भेंट चढ़े 3 मजदूरों की मौत के मामले के बाद भड़के ग्रामीणों के आक्रोश का मामला रातभर चलता रहा। तड़के सुबह करीब 3 बजे तीनों मजदूरों को खदान संचालक ने 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने पर हामी भरी, तब जाकर अधिकारी मामला सुलटा पाए। इस बात की जानकारी अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र चौहान ने दी। उन्होंने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अबतक न तो खदान संचालक के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की गई है और न ही खनिज विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है।

न खदान संचालक पर मुकदमा, न विभाग पर कार्रवाई

इतना तो तय है कि इस घटना से साबित हो गया कि खदानों पर खनिज विभाग की मिलीभगत से नियम विरुद्ध खनन या कहिए अवैध खनन जारी है। अगर ऐसा न होता तो यह अनहोनी नहीं होती। चौंकाने वाली बात यह है कि खनिज विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कहा जा रहा है कि पीड़ित परिवार ने थाने पर लिखकर दे दिया है कि उनको किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करनी।

Banda Big Breaking : 3 laborers killed, many hours jammed at sand mine in Banda

उधर, तीन-तीन मौतों से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। एएसपी चौहान का कहना है कि शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है, इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पैलानी खदान पर हुई थी 3 मजदूरों की मौत की घटना

बताते चलें कि पैलानी खदान पर बीती देर शाम नियम विरुद्ध गड्ढा करके खनन कराया जा रहा था। इस दौरान करीब 15 फिट का गड्डे का ढीला ढह गया। इससे वहां काम कर रहे 3 मजदूर दब गए और उनकी मौत हो गई।

Banda Big Breaking : 3 laborers killed, many hours jammed at sand mine in Banda

घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में आसपास के ग्रामीण और मृतकों के परिजन वहां पहुंचे। भीड़ ने खदान पर बने कार्यालय में तोड़फोड़ की। बाद में तीनों शवों को भरुआ मार्ग पर लाकर जाम लगा दिया। सूचना पाकर जिला मुख्यालय से एएसपी, एडीएम समेत बाकी अधिकारी पहुंचे।

2 करोड़ की मांग कर रहे थे परिजन, 10-10 लाख मिले

लोगों को समझाने का प्रयास किया। परिजन 2 करोड़ मुआवजे की मांग कर रहे थे। खदान संचालक इसपर राजी नहीं हुए। रातभर हंगामा चलता रहा। तड़के सुबह करीब 3 बजे खदान संचालक ने 10-10 लाख रुपए देने पर हामी भरी। पीड़ित परिजन भी राजी हो गए। तब जाकर मामला सुलटा।

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