समरनीति न्यूज, बांदा : कोरोना संकट काल में हजारों-लाखों बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। नौनिहाल ही नहीं, बड़े बच्चे भी पढ़ाई से दूर हो गए। हालांकि, स्कूलों में आन लाइन पढ़ाई कराई। लेकिन सभी जानते हैं कि यह बहुत कारगर नहीं हुई। ऐसे में स्कूलों ने मनमानी फीस वसूली और अन्य भत्ते तो लिए, लेकिन अभिभावक परेशान ज्यादा हुए। बच्चे स्कूल नहीं गए, फिर भी स्कूलों ने फीस मनमाने ढंग से वसूली। फीस न देने पर कई स्कूल तो टीसी देने से ही साफ इंकार कर रहे हैं। यह समस्या बांदा के लाखों अभिभावकों के सामने है। माता-पिता परेशान हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालक टस से मस होने को तैयार नहीं। ऐसे में सीएम योगी से मांग की है कि इस दिशा में उचित निर्देश दें।
मनमानी फीस पर भी जताई चिंता
ऐसे में बांदा के सदर विधायक ने ऐसे बच्चों की दूसरे स्कूलों में दाखिले के लिए टीसी और अंक पत्र अनिवार्यता समाप्त का अनुरोध सीएम योगी आदित्यनाथ से किया है। सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने इस संबंध में एक पत्र मुख्यमंत्री योगी को लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि अंकपत्र और टीसी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया जाए। इससे लाखों माता-पिता को राहत मिलेगी।
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लिखा है कि शिक्षण सत्र 2022-23 में प्रवेश के लिए बच्चों के अभिभावकों से टीसी, अंकपत्र आदि की बाध्यता और विविध प्रकार के शुल्क पर पूर्णतया रोक लगाई जाए। सदर विधायक ने लिखा है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के कारण पूरे प्रदेश का अभिभावक भारी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है।
बच्चों पर भारी बस्तों का है बोझ
सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी पत्र में लिखा है कि बाल्य काल की शिक्षा के लिए निजी स्कूल प्राइवेट प्रकाशन की भारी-भरकम, महंगी पुस्तकें दे रहे हैं। इससे बच्चों पर बस्ते का और अभिभावकों पर महंगाई का बोझ पड़ रहा है। बच्चों और अभिभावकों का मानसिक, आर्थिक शोषण किया जा रहा है। बच्चों के भविष्य के लिए अभिभावक निजी स्कूलों के खिलाफ नहीं बोल पाते। विधायक ने बच्चों के बैग का बोझ कम करने की दिशा में कदम उठाने की बात भी लिखी है।
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