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बांदा : RTO विभाग ने CM Yogi के निर्देशों को भी हल्के में निपटाया, स्कूल बसों की फिटनेस जांच का मामला

Banda : RTO department dealt with CM Yogi's order lightly, did not check fitness of school buses properly

समरनीति न्यूज, बांदा : गाजियबाद में स्कूल बस हादसे में बच्चे की दर्दनाक मौत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खास निर्देश दिए थे। इन आदेशों में कहा गया था कि पूरे प्रदेश में 1 सप्ताह के लिए अभियान चलाकर स्कूल बसों की फिटनेस की जांच की जाए। ताकि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की जिंदगी से खेल रहे स्कूल संचालकों की लगाम कसी जा सके। सीएम योगी के इन निर्देशों को बांदा के परिवहन विभाग ने हल्के में निपटा दिया। गुरुवार को विभाग ने बांदा में सैंकड़ों स्कूली वाहनों में सिर्फ 15 पर कार्रवाई की जानकारी दी। जबकि स्कूलों वाहनों की जिले में क्या स्थिति है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। इसके बावजूद आरटीओ विभाग की इन स्कूलों पर मेहरबानी समझ से परे है।

स्कूलों का नाम और बसों की संख्या पर गोलमोल जानकारी

दरअसल, दो बार परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई की जानकारी मिली है। इनमें विभागीय अधिकारियों की ओर से स्कूलों में जाकर वाहनों में बैठक और खड़े होकर फोटो भी खिंचाई। चालान करने की बात भी कही। आरटीओ विभाग के अधिकारियों ने यह भी दावे किए हैं कि फिटनेस सही नहीं मिलने पर कार्रवाई की गई है। लेकिन किन-किन स्कूलों पर कितनी-कितनी बसों पर कार्रवाई की गई, इसका खुलासा विभाग ने नहीं किया।

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आरटीओ विभाग ने कार्रवाई की है। हम इससे इंकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह भी सच है कि कार्रवाई उतनी कारगर ढंग से नहीं की गई है, जितनी होनी चाहिए थी। स्कूलों का नाम तक परिवहन विभाग की ओर से सार्वजनिक नहीं किया गया। ऐसे में कार्रवाई में कितनी पारदर्शिता बरती गई, अनुमान लगाया जा सकता है। दरअसल, जिले में कुकुरमुत्ते की तरह स्कूल खुले हैं। इनमें बड़े नाम वाले स्कूलों में बच्चों की जिंदगी ज्यादा खतरों में रहती है।

ओवरलोडिंग को लेकर RTO विभाग पर पहले से आरोप

गली-मोहल्लों में कमरों में चलने वाले स्कूल में बच्चों की जिंदगी हर समय खतरे में रहती है। वहीं स्कूल वाहनों की हालत भी बेहद खराब है। इस सबके बावजूद आज तक आरटीओ विभाग की ओर से स्कूल वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई। जब भी शासन से निर्देश आए तो खानापूर्ति करके रफा-दफा कर दिया गया। बताते चलें कि बालू और गिट्टी की ओवरलोडिंग को लेकर बांदा आरटीओ विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगते रहते हैं।

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