समरनीति न्यूज, ब्यूरो (बांदा) : चित्रकूट में 22 जुलाई 2007 को 6 यूपी एसटीएफ जवानों और एक मुखबिर की हत्या करने वाले ठोकिया गैंग के 13 डकैतों को बांदा की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। 15 साल बाद आए अदालत के इस फैसले ने उन पुलिस परिवारों को राहत दी है जो इन दरिंदों को सजा मिलने का इंतजार कर रहे थे। ये सभी डकैत बांदा की जेल में बंद हैं।मामले की सुनवाई चल रही थी। अदालत का फैसला आते ही लोगों ने खुशी जाहिर की है।
बांदा की विशेष अदालत ने सुनाई सजा
विशेष न्यायाधीश नुपुर की अदालत ने अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया गैंग के इस डकैत राम प्रसाद विश्वकर्मा निवासी जबई, पडरी थाना मोहब्बतपुर पईसा, जिला कौशांबी समेत कुल 13 डकैतों को सजा सुनाई है। साथ ही सभी पर 20-20 हजार का जुर्माना भी लगाया है। बताते चलें कि इस मामले की सुनवाई 24 जून को पूरी हो गई थी। इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज अदालत ने 13 डकैतों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
यह थी दिल दहला देने वाली घटना
चित्रकूट के बीहड़ में आतंक का पर्याय बने अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया ने 22 जुलाई 2007 को घात लगाकर एसटीएफ टीम पर फायरिंग कर दी थी। साथ ही पुलिस का वाहन भी विस्फोट से उड़ा दिया था। छिपकर किए गए इस हमले में 6 एसटीएफ के जवान शहीद हो गए थे। वहीं एक मुखबिर की भी मौत हो गई थी। शहीद हुए जवानों में एसटीएफ के राजेश चौहान, ब्रजेश यादव, लक्ष्मण शर्मा, गिरीश चंद्र नागर, उमाशंकर यादव और ईश्वर देव सिंह शामिल थे। मुखबिर का नाम रामकरन था। इसके बाद डकैत मौके से भाग निकले थे।
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