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सांसदों के कविता पाठ पर जावेद अख़्तर ने जोड़े हाथ, Write on Tweet

समरनीति डेस्‍कः बीते दिनों लोकसभा में 12 घंटे के लंबे discussion के बीच अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा हुई. इस दौरान यहां Poems और Songs के साथ लोकसभा सदस्‍यों ने एकदूसरे का काफ़ी entertainment भी किया. TV पर इसे देखने वाले कई दर्शकों ने भी इसका काफ़ी लुत्‍फ़ उठाया, लेकिन वहीं गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्‍़तर इससे upset हैं. They believe कि लोकसभा का ये सत्र पूरी तरह से कविताओं का अपमान था. Why, Lets know.

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लोकसभा के उस सत्र से नाराज़ जावेद अख्‍़तर ने सोशल मीडिया पर इसको लेकर अपनी भड़ास निकालते हुए लिखा, ‘मैं हाथ जोड़ते हुए और बेहद विनम्रता के साथ लोकसभा में सभी राजनीतिक पार्टियों के सभी सांसदों से निवेदन करता हूं कि वे सभी कम से कम कविता पर रहम करें. बिना किसी अपवाद के, इस 12 घंटे के सत्र के दौरान पढ़े गए हर शेर में गलत शब्द कहे गए, उच्चारण गलत था.’

These were the mistakes 

यहां आपको बता दें कि उस लोकसभा सत्र में करीब 12 घंटे तक बहस चली. इस बहस के दौरान नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने अपने-अपने अंदाज़ को समझाने के लिए अलग-अलग कविताएं पढ़ीं. ऐसी कविताओं को पढ़ने वालों में से एक थे आम आदमी पार्टी (आप) के नेता भगवंत मान. इन्‍होंने एक मशहूर कविता को पढ़ते हुए भारतीय जनता पार्टी के ‘अच्‍छे दिन’ के नारे का मजाक उड़ाया. जावेद अख्‍तर ने उनकी कविता में भी गल्‍तियां निकालीं.