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समरनीति न्यूज, बांदा : जिले में होने वाली खनिज तहबाजारी को लेकर जल्द ही बोली लगने वाली है। बीते वर्ष लगभग 10 करोड़ में उठा ठेका अबकी बार और ऊपर भी जा सकता है। इतना ही नहीं बाहर के कुछ माफियाओं की भी इसमें एंट्री होने वाली है। सूत्रों की माने तो बसपा शासन काल के एक बड़े ठेकेदार ने अब भाजपा के कुछ स्थानीय नेताओं का आशीर्वाद हासिल किया है। सूत्रों का कहना है कि ये ठेकेदार अपनी कंपनी के साथ बांदा में तहबाजारी में फुल एंट्री करने को उतावले हैं। उधर, विभागीय तौर पर भी इसे लेकर नजर रखी जा रही है। बताते चलें कि तहबाजारी के ठेके के लिए काफी खींचतान मचती है।
मायावती सरकार में सक्रिय रहे ठेकेदार उतावले
फुल इसलिए क्योंकि आधी एंट्री पहले ही कर चुके हैं, जो फिलहाल अधिकारिक नहीं है। इनकी एंट्री लगभग तय है, क्योंकि कुछ स्थानीय सत्ताधारी नेताओं ने इन ठेकेदारों को आशीर्वाद भी दे दिया है। चर्चा है कि बसपा सरकार में इन्हीं ठेकेदारों ने बांदा में सड़कों पर काफी काम किया था।
आनलाइन बोली छोड़ी, सभी 2 को लगाएंगे दांव
हालांकि, उस समय का अधूरा कामकाज आज भी लोगों के लिए मुसीबत बना है। इसमें शहर में चिल्ला रोड का दर्द किसी से छिपा नहीं है। अब स्थानीय भाजपा नेताओं की सरपरस्ती में इस बार तहबाजारी के धंधे में ये नए चेहरे मैदान में उतरने वाले हैं। इसे लेकर जबरदस्त चर्चा है। यह क्या गुल खिलाएंगे, यह देखना बाकी है।
नए जिपं अध्यक्ष के कार्यकाल में यह पहला टेंडर
बताते चलें कि बांदा खनिज तहबाजारी में होने वाली आनलाइन बोली में किसी ने दांव नहीं लगाया है। सभी को 2 मई को मिलने वाले दूसरे मौके की तलाश है जिसमें जोड़तोड़ को लेकर संभावनाएं दिखाई दे रही हैं। खनिज तहबाजारी का काम अक्सर बांदा जिला पंचायत पर भी सवाल उठते रहे हैं। इस बार जिला पंचायत में नए अध्यक्ष सुनील पटेल हैं। उनके कार्यकाल में पहली बार यह ठेका होने जा रहा है।
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